वुशू के लिए ग्रामीण युवा फिट : रोनेल
काकू चौहान, सुंदरनगर अंतरराष्ट्रीय वुशू खेल में ग्रामीण युवा कामयाब हो सकते हैं। इसके लिए जरूरत ह
काकू चौहान, सुंदरनगर
अंतरराष्ट्रीय वुशू खेल में ग्रामीण युवा कामयाब हो सकते हैं। इसके लिए जरूरत हैं उन्हें प्रशिक्षित करने की। इस खेल में दिमाग के साथ ताकतवर होना जरूरी है। ग्रामीण युवा ताकतवर होते हैं और उनमें सहनशीलता भी होती है। ऐसे में वह इस खेल में काफी आगे तक जा सकते हैं। यह बात मणिपुर के अंतरराष्ट्रीय वुशू खिलाड़ी एम रोनेल सिंह ने कही। एशियन वुशू चैंपियनशिप सिल्वर विजेता व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं मे छह बार मेडल जीत चुके एम रोनेल सुंदरनगर में आयोजित हो रही 14वीं राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। इससे पहले वह सिंगापुर, मलेशिया व चीन में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं। अब उनका मकसद ओलंपिक में गोल्ड मेडल विजेता बनना है। उन्होंने 2003 से वुशू खेल खेलना शुरू किया। इसके बाद इसी खेल को अपने जीवन का मकसद बना लिया और आज राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके हैं। जब वह 15 साल के थे तो कुंफू खेलते थे, लेकिन जब से वुशू खेलना शुरू किया उसके बाद इसके अलावा किसी अन्य खेल के बारे में नहीं सोचा। वुशू एक ऐसा खेल है जिसमें खिलाड़ी को जिला से अंतरराष्ट्रीय स्तर तक प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है। वह दूसरी बार हिमाचल में इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं। इससे पहले धर्मशाला में 2009 में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी हिस्सा ले चुके हैं। वुशू खिलाड़ी इसी खेल में करियर बना सकते हैं। वहीं आर्मी, पुलिस, सीआरएफ सहित अन्य क्षेत्र में नौकरी की काफी संभावनाएं हैं। इन खिलाड़ियों के लिए इनमें आरक्षण दिया जाता है।