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छोटी अवधि की अनुमति को बढ़ाया जाए : राजेंद्र

जागरण संवाददाता, मंडी : हिमाचल प्रदेश क्रशर मालिक कल्याण काउंसिल ने प्रदेश में निर्माण कार्य से निकल

By Edited By: Published: Mon, 31 Aug 2015 01:16 AM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2015 01:16 AM (IST)

जागरण संवाददाता, मंडी : हिमाचल प्रदेश क्रशर मालिक कल्याण काउंसिल ने प्रदेश में निर्माण कार्य से निकलने वाले मटीरियल का इस्तेमाल करने की अनुमति की अवधि को बढ़ाने की मांग की है। ताकि माल ढुलाई करने वालों के साथ-साथ क्रशर मालिकों को भी किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

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काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कश्मीरी ने बताया कि सरकार स्वीकृत खनन पंट्टों के अलावा रोड कटिंग, टनल मलबा, प्लाट कटिंग, फिशरी टेंक व अन्य भूमि सुधार के कार्यो से निकलने वाले पथरीले व रेतीले (मलबा) की मंजूरी कमेटी रिपोर्ट के आधार पर इच्छुक व अधिकृत क्रशर इकाइयों को प्रदान की जाती है। निर्माण कार्यो की खुदाई से निकला मलबा क्रशर इकाइयों में इस्तेमाल होने पर इससे पर्यावरण संरक्षण भी होगा। पूर्व में इस तरह के मलबे को फेंक दिया जाता था, पर्यावरण को नुकसान पहुंचता था। दूसरा सरकार को रॉयल्टी, वैट, आयकर, और संबंधित पंचायतों को भी टैक्स मिलने से उनकी आय में इजाफा होगा। क्रशर इकाइयों को कार्य, मजदूरों को काम, ट्रक व टिपर मालिकों को रोजगार भी मिलेगा। सरकारी व गैर सरकारी निर्माण कार्य के लिए वैध रूप से रेत बजरी हर क्षेत्र में मिलेगी। चेयरमैन का कहना है कि इस कार्य के लिए उन्हें छोटी अवधि के लिए अनुमति मिलती है। उनकी मांग है कि छोटी अवधि को बढ़ाया जाए, या जब तक कार्य समाप्त नहीं होता है तब तक अनुमति का प्रावधान किया जाए।


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