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भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पर भड़के किसान

जागरण संवाददाता, मंडी : नागचला से मनाली के बीच फोरलेन को लेकर पुराने अधिनियम के तहत भूमि अधिग्रहण प्

By Edited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 01:00 AM (IST)

जागरण संवाददाता, मंडी : नागचला से मनाली के बीच फोरलेन को लेकर पुराने अधिनियम के तहत भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया होने पर क्षेत्र के लोग भड़क गए हैं। शुक्रवार को पंडोह, औट, पनारसा व टकोली के सैकड़ों लोगों ने पंडोह में प्रदर्शन किया। बाद में भू-अर्जन अधिकारी विजय चंदन के पास अपनी आपत्तियां दर्ज करवाईं।

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प्रभावित संघर्ष समिति के प्रधान खुशाल ठाकुर ने कहा कि फोरलेन के मौजूदा प्रारूप से मंडी व कुल्लू जिला के सैकड़ों लोग भूमिहीन होंगे व रोजगार छीन जाएगा। किसानों को जमीन का मुआवजा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पुराने भूमि अधिग्रहण नियम के तहत देने की बात कर रही है। पुनर्वास व पुनस्र्थापना को लेकर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं है।

पहली जनवरी 2015 से अध्यादेश के माध्यम से नया भूमि अधिग्रहण कानून अस्तित्व में आ चुका है। किसानों को नए अधिनियम के तहत मुआवजा मिलना चाहिए। पुनर्वास व पुनस्र्थापना भी उसी आधार पर होनी चाहिए। इस बारे में अभी कोई भी सूचना नहीं है और न ही ऐसी कोई तैयारी सरकार ने की है। यह बहुत ही दुखद व अन्यायपूर्ण है।

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने राष्ट्रीय राजमार्ग एक्ट-1956 की धारा 3 (क) के तहत भूमि अधिग्रहण की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने केंद्र, प्रदेश व प्राधिकरण प्रबंधन से गुहार लगाई है कि नए कानून के मुताबिक किसानों को भूमि का उचित व न्यायसंगत मुआवजा मिले। पुनर्वास व पुनस्र्थापना के पैकेज का नए अधिनियम कानून-2015 के शेड्यूल 1, 2 व 3 में विस्तृत रूप से प्रावधान है। लिहाजा उसी हिसाब से दिया जाए। फिलहाल भूमि अधिग्रहण की जो प्रक्रिया चल रही है, उसे रोक दिया जाए। जब तक इन आपत्तियों पर स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता है। धारा 3 (घ) की कार्रवाई होने पर जमीन का मुआवजा, पुनर्वास व पुनस्र्थापना की शर्तो को पूरा किए बिना प्राधिकरण किसानों की भूमि का मालिक बन जाएगा जो लोगों के साथ धोखा व साजिश होगी।

खुशाल ठाकुर ने कहा कि लोग भूमि अधिग्रहण के विरुद्ध नहीं है। वे जानते हैं कि देश की रक्षा, सुरक्षा व विकास के लिए भूमि अधिग्रहण जरूरी है। मगर इसमें किसानों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है। लोगों को विवश होकर उच्च न्यायालय के आगे गुहार लगानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि एक किसान, बागवान, मजदूर, दुकानदार केवल अपना हक माग रहे हैं। इस अवसर पर उनके साथ जिला परिषद के चेयरमैन खीरामणी, खेम चंद व धमेंद्र शर्मा थे।


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