प्रमुख प्राचीन देवताओं को भूला प्रशासन
जागरण संवाददाता, मंडी : रियासतकाल में शिवरात्रि की शोभा बढ़ाने वाले प्रमुख देवी-देवताओं को प्रशासन भ
जागरण संवाददाता, मंडी : रियासतकाल में शिवरात्रि की शोभा बढ़ाने वाले प्रमुख देवी-देवताओं को प्रशासन भूल गया है। प्रशासन के पास मौजूद देवी-देवताओं की सूची से करीब एक दर्जन पंजीकृत देवी-देवताओं के नाम गायब हैं। बीते करीब तीन दशक से प्रशासन इन देवी-देवताओं को शिवरात्रि में शिरकत करने के लिए निमंत्रण तक नहीं भेज रहा है।
सर्व देवता कमेटी के हाथ लगे पुराने दस्तावेजों में इसका खुलासा हुआ है। बिसरा दिए गए प्राचीन देवी-देवताओं को वही रुतबा देने के लिए कमेटी प्रशासन को पूरा रिकार्ड सौंपेगी।
छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी शहर में आयोजित होने वाले शिवरात्रि महोत्सव का इतिहास करीब पांच सौ साल पुराना है। मंडी जिला मुख्यालय की कचहरी में साठ के दशक में लगी आग से प्रशासन के पास देवताओं से जुड़ा रिकार्ड जल गया था। प्रशासन ने 1983 में दोबारा प्राचीन देवी-देवताओं की सूची तैयार की है। इसके बाद प्रशासन इसी रिकार्ड को आधार मान कर शिवरात्रि महोत्सव में पहुंचने वाले देवी-देवताओं को निमंत्रण भेज रहा है, लेकिन इस नई सूची में करीब एक दर्जन प्राचीन देवी-देवता छूट गए हैं। बीते तीन दशक से इन देवी-देवताओं को प्रशासन की ओर से निमंत्रण नहीं मिल पा रहा है। इससे कभी शिवरात्रि के मुख्य आकर्षण रहने वाले देवी-देवताओं के कारदार स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही और भूल का खामियाजा कारकून और देवी-देवता के प्रति आस्था रखने वाले उनके हजारों भक्त भुगत रहे हैं।
ये देवी-देवता छूटे हैं
काथली का माहूनाग, बड़ी हिडिंबा, छोटी हिडिंबा, किग्सी नारायण, खौलसी नारायण, देव चपलांदू नाग, देव चंडोही, बरुनाह समेत एक दर्जन देवी-देवता ऐसे हैं जो प्राचीन काल में शिवरात्रि के आकर्षण होते थे। सर्व देवता कमेटी के पास ऐसे दस्तावेज हाथ लगे हैं जिसमें इन देवी-देवताओं का बाकायदा पंजीकरण है। प्रशासन के पास पंजीकृत देवताओं की सूची में इनमें से अधिकतर का वर्तमान में कोई उल्लेख नहीं है।
सर्व देवता कमेटी के हाथ लगे पुराने दस्तावेज
इधर, सर्व देवता कमेटी के प्रधान पंडित शिवपाल शर्मा ने प्राचीन देवी-देवताओं के दस्तावेज मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इन दस्तावेज में करीब एक दर्जन प्राचीन देवी-देवताओं का भी उल्लेख है जो वर्तमान में शिवरात्रि मेले के पंजीकृत देवी-देवताओं की सूची से बाहर हैं। कमेटी प्रशासन से आग्रह करेगी कि इन देवी-देवताओं को भी उनके रुतबे और पूरे सम्मान के साथ शिवरात्रि का निमंत्रण भेज कर आने का आग्रह करे।