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ईएसआइसी खुद चलाएगा अब नेरचौक मेडिकल कॉलेज

हंसराज सैनी, मंडी प्रदेश सरकार की ओर से केंद्रीय श्रम मंत्रालय की पेशकश ठुकराने के बाद कर्मचारी र

By Edited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 01:28 AM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 01:28 AM (IST)
ईएसआइसी खुद चलाएगा अब नेरचौक मेडिकल कॉलेज

हंसराज सैनी, मंडी

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प्रदेश सरकार की ओर से केंद्रीय श्रम मंत्रालय की पेशकश ठुकराने के बाद कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) प्रबंधन ने नेरचौक मेडिकल कॉलेज अब खुद चलाने का निर्णय लिया है। ईएसआइसी प्रबंधन के इस कदम से कॉलेज के भविष्य को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर फिलहाल विराम लग गया है और महाविद्यालय में एमबीबीएस की कक्षाएं शुरूहोने की उम्मीदें एक बार फिर जिंदा हो गई हैं।

प्रदेश सरकार की न के बाद ईएसआइसी प्रबंधन ने कॉलेज के आधारभूत ढांचे के पुनर्निरीक्षण करने के लिए बुधवार को दोबारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास आवेदन किया है। वहीं, मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री का कहना है कि सरकारें बदलती रहती हैं। विकास कार्यो की प्राथमिकता बरकरार रहती है। अपने घोषित कार्यक्रम के तहत जनहित में ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज नेरचौक को केंद्रीय श्रम मंत्रालय खुद चलाने की पहल करे। इस शैक्षणिक सत्र से कॉलेज में कक्षाएं शुरूकरने के लिए ईएसआइसी प्रबंधन ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) के पास आवेदन किया था। एमसीआइ की तीन सदस्यीय टीम ने जुलाई में अधोसंरचना का निरीक्षण किया था और खामियां पाए जाने पर कक्षाएं शुरूकरने की अनुमति देने से मना कर दिया था। यहीं से मेडिकल कॉलेज के भविष्य पर पेच फंस गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय व एमसीआइ के यहां कई चक्कर काटने के बाद ईएसआइसी प्रबंधन को कहीं से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो थक हारकर कॉलेज चलाने से हाथ खड़े कर दिए थे। करोड़ों के फर्नीचर का ऑर्डर रोक स्टाफ की चयन प्रक्रिया भी टाल दी थी। ईएसआइसी ने प्रदेश सरकार को भवन परिसर हस्तांतरित करने की पेशकश की थी जिसे प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंगलवार को ठुकरा दिया था। नेरचौक मेडिकल कॉलेज को प्रदेश विश्वविद्यालय एमबीबीएस की कक्षाएं शुरूकरने के लिए दो साल की संबद्धता पहले ही प्रदान कर चुका है। कॉलेज के डीन डॉ.डीएस धीमान ने प्रदेश सरकार की न के बाद ईएसआइसी प्रबंधन की ओर से बुधवार को अधोसंरचना के पुनर्निरीक्षण के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास दोबारा आवेदन करने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज ईएसआइसी चलाएगा।


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