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टाउन वैडिंग कमेटी की सात माह में नहीं हुई एक भी बैठक

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 01:03 AM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 01:03 AM (IST)
टाउन वैडिंग कमेटी की सात माह में नहीं हुई एक भी बैठक

जागरण संवाददाता, मंडी : नगर परिषद मंडी क्षेत्र में रेहड़ी-फड़ी वालों का सर्वेक्षण व पंजीकरण दो वर्ष पहले किया गया था और स्थान भी आवंटित किए हैं। इसके लिए अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी पंकज राय की अध्यक्षता में टाउन वैडिंग कमेटी गठित की गई थी। नगर परिषद मंडी में रेहड़ी-फड़ी वालों को 2009 राष्ट्रीय पॉलिसी केतहत स्थान उपलब्ध करवाने की पहल की थी।

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सितंबर 2013 में संसद द्वारा पारित स्ट्रीट वैंडर्स एक्ट के अनुसार सभी नगर निकाय क्षेत्रों में संबधित कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में टाउन वैडिंग कमेटियां गठित करने का प्रावधान किया गया है, परंतु मंडी शहर में गठित कमेटी की बैठक सात माह में एक बार भी नहीं हो पाई है। सीटू के जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने कहा कि रेहड़ी-फड़ी यूनियन पांच बार लिखित अनुरोध कर बैठक बुलाने की माग नगरपरिषद व प्रशासन से कर चुकी है। वीरवार को भी कार्यकारी अधिकारी और एडीएम मंडी को मागपत्र सौंपकर बैठक बुलाने की माग की है। इस एक्ट के अनुसार शहर में रेहड़ी-फड़ी केअलावा चलते फिरते सामान बेचने, जूते पॉलिस करने वालों और बसों व घरों में सामान बेचने वालों को भी इसके तहत पंजीकृत कर पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। इस बारे में सरकार ने भी दिशा-निर्देश जारी कर दिए है, परंतु मंडी में गठित टाउन वैडिंग कमेटी किसकी अध्यक्षता में कार्य करेगी। इस उलझन और खींचतान के कारण आयोजित नहीं हो रही है जो स्ट्रीट वैंडर्स एक्ट के उल्लघंन का मामला है। यूनियन ने इस मामले में उपायुक्त संदीप कदम को भी अवगत करवाया है और नियमानुसार इसकी बैठक की माग है। मंडी में जिन रेहड़ी-फड़ी वालों का पंजीकरण दो वर्ष पूर्व किया गया था उन्हें बाद में दूसरे स्थानों पर भेज दिया है, परंतु उनके पहचानपत्र अभी तक नहीं बदले हैं और इस दौरान नए रेहड़ी-फड़ी वाले शहर में आए हैं उनका पंजीकरण भी नहीं हो पा रहा है। नगर परिषद मंडी क्षेत्र केरेहड़ी-फड़ी वालों से जो मासिक किराया लिया जा रहा है और अब सफाई केलिए अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा है। जिसका यूनियन विरोध कर माग करती है कि टाउन वैडिंग कमेटी की बैठक जल्द बुलाई जाए और लंबित मांगों का समाधान किया जाए और यदि 31 अगस्त तक जिला प्रशासन और नगर परिषद ऐसा नहीं करती है। जल्द ही आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा।


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