मंडी अस्पताल आना, चारपाई साथ लाना
संवाद सहयोगी, मंडी : क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में उपचार के लिए दाखिल होने वाले मरीजों को इन दिनों अपने साथ चारपाई भी लानी पड़ रही है। बरसात में अस्पताल में आउटडोर सहित इनडोर मरीजों की संख्या बढ़ रही है। नतीजतन अस्पताल के लगभग सभी वार्डो में बेड मरीजों से भरे हैं। कई मरीजों को मजबूरन बरामदे में ही किराये की चारपाई लेकर उपचार करवाना पड़ रहा है। क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में जिलाभर से रेफर व अन्य रोगी पहुंचते हैं। अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें वार्ड में दाखिल किया जाता है। हालात यह हैं कि वार्ड में कोई बेड खाली नहीं और रोगियों को वार्ड में दाखिल करने के लिए तीमारदारों को मजबूरन किराये की चारपाई लेनी पड़ रही है। बाजार में इस समय 50 से 80 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से चारपाई उपलब्ध है। चारपाई लेने से पूर्व तीमारदार को इसके लिए 500 रुपये सिक्योरिटी के रूप में भी जमा करवाने होते हैं। अन्य सामान भी हजारों रुपये खर्च कर तीमारदारों को खरीदना पड़ रहा है जबकि अस्पताल में बेड खाली होने की सूरत पर ऐसा करने की जरूरत नहीं होती है। इन दिनों इनडोर वार्ड के मुख्य द्वार के सामने ही मरीज चारपाई में लेटे हुए हैं। हर वर्ष बरसाती सीजन के दौरान अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है मगर अभी तक अस्पताल में अतिरिक्त बेड लगाने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में 300 बेड की क्षमता है मगर वर्तमान में रोजाना किसी न किसी वार्ड में तीन-चार मरीजों को बरामदे में ही किराये की चारपाई पर इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
---------------------
बुधवार को सुबह साढ़े नौ बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल में 300 में से 275 बेड बुक थे जबकि 25 खाली हैं। किसी एक वार्ड में मरीज बढ़ने पर बाहर चारपाई लगानी पड़ सकती है। जैसे ही बेड खाली हो जाता है तो तुरंत मरीज को उपलब्ध करवाया जा सकता है। मरीज को संबंधित वार्ड के अलावा किसी दूसरी जगह में दाखिल नहीं किया जा सकता है।
डॉक्टर एचके अबरोल, चिकित्सा अधीक्षक जोनल अस्पताल मंडी।