घरेलू किशोरी मजदूर का उत्पीड़न
संवाद सहयोगी, मंडी : चाइल्ड लाइन संस्था द्वारा वीरवार को करसोग में एक घर से छुड़ाई गई घरेलू किशोरी मजदूर मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में श्रम नियमों की धज्जियां उड़ाने के साथ अब उत्पीड़न होने का भी पता चला है।
पीड़ित किशोरी ने वीरवार देर शाम बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष उत्पीड़न होने की बात कबूली है। चाइल्ड लाइन संस्था द्वारा वीरवार दोपहर किशोरी मजदूर को करसोग स्थित घर से छुड़ाने के बाद उसे देर शाम बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। समिति अध्यक्ष व सदस्यों ने किशोरी के बयान दर्ज किए। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष चंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि किशोरी ने पूछताछ में कहा कि आरोपी व्यक्ति उसके साथ अश्लील बातें करता था और उसे यौन संबंध बनाने के लिए उकसाता था मगर उसने इसके लिए हमेशा इन्कार किया। किशोरी ने आरोपी द्वारा अब तक उसे काम करवाने की एवज में कोई वेतन न देने की बात कही है। इस संबंध में कोई बैंक खाता भी न होने की बात उसने बताई है जो श्रम नियमों की अवेहलना है। उन्होंने बताया कि किशोरी को पढ़ाने के बहाने व छोटा-मोटा काम करवाने के लिए लाया गया था। करसोग लाने के बाद उसे पढ़ाया नहीं गया सिर्फ स्कूल, घर व क्लीनिक में साफ-सफाई का कार्य करवाया गया। उन्होंने बताया कि किशोरी पढ़ना चाहती है। पारिवारिक स्थिति सही न होने के कारण वह पढ़ाई जारी नहीं रख पाई है। समिति ने चर्चा करने के बाद पीड़ित किशोरी को अस्थायी तौर पर शिमला स्थित आश्रम में भेज दिया है। चाइल्ड लाइन मंडी की टीम ने पुलिस की सहायता से वीरवार को करसोग में आरोपी व्यक्ति के घर दबिश देकर एक किशोरी मजदूर को छुड़वा कर देर शाम उसे समिति के सामने पेश किया था। उधर, चाइल्ड लाइन मंडी के केंद्रीय समन्वयक ने बताया कि सीडब्ल्यूसी का आदेश मिलने के बाद किशोरी को शिमला ले जाया गया है। वहीं, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष चंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस में मामला दर्ज करवाया जाएगा। श्रम नियम उल्लंघन के अलावा किशोरी का उत्पीड़न हुआ है। करसोग पुलिस को पत्र लिख कर पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज करने के लिए कहा जाएगा।