मनाली-लेह मार्ग से हटी बर्फ, दो दिन में होगी आवाजाही
संवाद सहयोगी, मनाली : सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की हिमांक व दीपक परियोजना के दलों के मिलते ही मनाली-लेह
संवाद सहयोगी, मनाली : सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की हिमांक व दीपक परियोजना के दलों के मिलते ही मनाली-लेह मार्ग बुधवार को आपस में जुड़ गया है। बर्फबारी के कारण नवंबर महीने से बंद पड़े मनाली-लेह मार्ग पर दो दिन के भीतर वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। सेना की दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग से बीआरओ ने बर्फ हटाने का काम पूरा कर लिया है। करीब 476 किलोमीटर लंबे मनाली-लेह मार्ग पर लेह की ओर से बीआरओ की हिमांक जबकि मनाली की ओर से दीपक परियोजना के दल बर्फ हटाने में जुटे थे। मार्ग के बहाल होने से जहां देश-विदेश के सैलानी 15 हजार फुट ऊंचे बारालाचा और साढ़े 17 हजार फुट ऊंचे तांगलंगला दर्रे का सफर कर रोमांचित होंगे, वहीं लेह-लद्दाख की सीमा पर बैठे देश के प्रहरियों तक पहुंचाना भी आसान होगा। मनाली से 224 किलोमीटर दूर पर्यटन स्थल सरचू को भी बहाल कर लिया है। लेह मार्ग बहाली का हजारों सैलानी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस मार्ग के बहाल होते ही पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ जाएंगी। बारालाचा दर्रे में सड़क किनारे बर्फ की उंची दीवारें खड़ी हो गई हैं। बीआरओ ने मनाली-लेह मार्ग बहाली का कार्य मार्च के मध्य से शुरू किया था। इस मार्ग के बहाल होते ही सैलानी रोहतांग के अलावा बारालाचा दर्रे में भी बर्फ के दीदार कर सकेंगे।
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सेना की दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग के दोनों छोर को जोड़ दिया गया है। दीपक व हिमांक परियोजना के दलों के मिलते ही लेह-मनाली से जुड़ गया है। बारालाचा दर्रे पर सड़क की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। दर्रे में सड़क किनारे बर्फ की दीवारें खड़ी हो गई हैं। दो-तीन दिन के भीतर मनाली-लेह मार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा।
-लेफ्टिनेंट कर्नल मयंक मेहता, कमांडर, सीमा सड़क संगठन।