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सितंबर में जुड़ जाएंगे रोहतांग सुरंग के दोनों छोर

जसवंत ठाकुर, मनाली सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रोहतांग सुरंग के दोनों छोर इस साल सितंबर में जुड़ जा

By Edited By: Published: Sun, 19 Feb 2017 08:24 PM (IST)Updated: Sun, 19 Feb 2017 08:24 PM (IST)
सितंबर में जुड़ जाएंगे 
रोहतांग सुरंग के दोनों छोर
सितंबर में जुड़ जाएंगे रोहतांग सुरंग के दोनों छोर

जसवंत ठाकुर, मनाली

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सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रोहतांग सुरंग के दोनों छोर इस साल सितंबर में जुड़ जाएंगे। 2019 में रोहतांग सुरंग देश के लिए समर्पित कर दी जाएगी। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) व स्ट्राबेग एफकॉन कंपनी ने सेरी नाले के निकट रिसाव की दिक्कत दूर कर दी है और अब काम को गति मिली है।

पीर पंजाल की रेंज में 17 हजार फुट ऊंचे धुंधी जोत में बन रही रोहतांग सुरंग की यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जून 2010 में आधारशिला रखी थी। तब लागत दो हजार करोड़ और निर्माण का लक्ष्य 2015 था लेकिन भौगोलिक परिस्थितियों और सेरी नाले के निकट रिसाव से रोहतांग सुरंग के निर्माण की लागत चार हजार करोड़ और समय अवधि भी चार साल आगे खिसक गई। सेरी नाले के पास रिसाव की संभावना पहले से ही थी। 2013 से 2015 तक सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को इस दिक्कत का सामना करना पड़ा।

नई तकनीक से हो रहा रोहतांग सुरंग का काम

रोहतांग सुरंग का निर्माण कार्य न्यू आस्ट्रिया मेथर्ड से किया जा रहा है। सुरंग में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। सुरंग में सबसे नीचे पानी के लिए नाली का निर्माण हो रहा है। उसके ऊपर आपात रास्ता भी बन रहा है। सुरंग के हर 150 मीटर पर पार्किंग की सुविधा रहेगी तथा आपात डोर भी लगाया जाएगा।

48 किलोमीटर कम होगी लाहुल की दूरी

रोहतांग सुरंग के निर्माण से लाहुल घाटी की दूरी 48 किलोमीटर कम हो जाएगी। सुरंग तैयार होने से लाहुल घाटी का सर्दी में जिला कुल्लू से जुड़ी रहेगी। घाटी में पर्यटन कारोबार भी बढ़ेगा और छह माह बर्फ की कैद से भी यहां के लोगों को मुक्ति मिलेगी।

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सेरी नाले में हुए रिसाव से दिक्कते बढ़ी थी। स्ट्राबेग एफकॉन कंपनी के इंजीनियरो और बीआरओ के अधिकारियो की सूझबूझ से इस मुश्किल से पार पा लिया गया है। रोहतांग सुरंग निर्माण में जुटी कंपनी इस वर्ष सितम्बर तक सुरंग के दोनों छोर को जोड़ने के लक्ष्य का पीछा कर रही है। उम्मीद है कि सभी के सहयोग से निर्धारित समय पर सुरंग के दोनों छोर जोड़ दिए जाएंगे।

-इंजीनियर सुनील त्यागी, प्रोजेक्ट मैनेजर स्ट्रा बेग एफकॉन कंपनी

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चार हजार करोड़ की लागत से तैयार हो रही रोहतांग सुरंग 2019 में देश को समर्पित कर दी जाएगी। इस साल सितंबर में दोनों छोर के जुड़ते ही सर्दी में लाहुल की ओर भी काम निरंतर चलता रहेगा। सेरी नाले की दिक्कत को पार करते ही खोदाई के काम में गति आई है। सर्दी में भी काम जारी है। स्ट्रॉबेग एफकॉन कंपनी निर्माण कार्य कर रही है जबकि स्मेक कंपनी डिजाइन का कार्य देख रही है। परिस्थितियां ठीक रही तो रोहतांग सुरंग निर्धारित समय पर तैयार हो जाएगी।

ब्रिगेडियर डीएन भट्ट, चीफ इंजीनियर बीआरओ रोहतांग प्रोजेक्ट।


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