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ट्रै¨कग रूटों को लेकर प्रशासन अलर्ट

जागरण संवाददाता, कुल्लू : मौसम के मिजाज को देखते हुए ट्रै¨कग रूटों को लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया है।

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 12:59 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 12:59 AM (IST)
ट्रै¨कग रूटों को लेकर प्रशासन अलर्ट

जागरण संवाददाता, कुल्लू : मौसम के मिजाज को देखते हुए ट्रै¨कग रूटों को लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया है। ऊंचाई वाले इलाकों में कभी भी हिमपात हो सकता है। ट्रै¨कग करवाने वाली एजेंसियों और अन्य पर्यटन कारोबारियों को प्रशासन ने आवश्यक दिशानिर्देश जारी करते हुए एहतियात बरतने को कहा है। प्रशासन ने निर्देश जारी किए हैं कि अनुभवी और प्रशिक्षित गाइड के साथ ही दूसरे प्रांतों से आने वाले पर्यटकों को ट्रै¨कग पर भेजा जाए। पिछले हादसों को देखते हुए प्रशासन इस ¨बदु पर अलर्ट हो गया है। पर्यटन विभाग ने भी होर्डिग, पंपलेट आदि के माध्यम से पर्यटन कारोबारियों को आगाह किया हुआ है।

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पिछले दिनों कुल्लू जिला के विभिन्न इलाकों में गाइड के लिए प्रशिक्षित करने के लिए युवाओं के लिए कार्यक्रम भी आयोजित हुए। करीब दो साल पहले बंजार में बशलेऊ जोत में पंजाब के एक स्कूल के छात्र-छात्राएं और शिक्षक फंस गए थे। रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए उन्हें बठाहड़ पहुंचाया गया था। नग्गर से ठीक ऊपर चंद्रखणी जोत में भी पिछले वर्ष युवक बर्फ के बीच फंस गए थे। इन छात्रों को भी कुल्लू लाया गया था। वर्ष 2014 में मढ़ी के समीप भी पर्यटक बर्फबारी में फंस गए थे। बचाव चौकी में तैनात जवानों ने जान पर खेलकर इन पर्यटकों को बर्फ के बीच से निकाला और सुरक्षित मनाली पहुंचाया। प्रशासन ने आगाह किया है कि ट्रै¨कग रूट पर निकलने से पहले मौसम की स्थिति की टोह लेना भी जरूरी है।

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पर्यटन कारोबारियों और ट्रै¨कग से जुड़े लोगों को आगाह किया गया है कि अनुभवी गाइड के साथ ही ट्रै¨कग पर जाने वाले पर्यटकों को आगे भेजें। किसी तरह की अनहोनी से निपटने के तमाम उपकरण भी इस दौरान साथ होने चाहिए। मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ट्रै¨कग की रूपरेखा तैयार होनी चाहिए।

- राकेश शर्मा, एडीसी कुल्लू।

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कुल्लू-मनाली में ट्रै¨कग रूटों को लेकर आगाह करने के मकसद से होर्डिग लगवाए गए हैं। पंपलेट आदि के माध्यम से भी अलर्ट किया जा रहा है। होर्डिग्स के माध्यम से पर्यटकों को आगाह किया गया है कि अनुभवी गाइड को साथ लेकर ही निकलें। गाइड ऐसा होना चाहिए जिसे जंगलों और पहाड़ियों में रास्तों का पूरा ज्ञान हो।

- रतन गौतम, जिला पर्यटन विकास अधिकारी।


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