हादसों के 20 साल बाद भी नहीं सुधर रहे ब्लैक स्पॉट
संवाद सूत्र, कुल्लू : जिला कुल्लू की सर्पीली सड़कों पर हादसों को रोकने के लिए डिवाइडर, रिफ्लेक्टर तो
संवाद सूत्र, कुल्लू : जिला कुल्लू की सर्पीली सड़कों पर हादसों को रोकने के लिए डिवाइडर, रिफ्लेक्टर तो दूर की बात है वाहन चालकों को आगाह करने के लिए सूचनापट्ट तक नहीं हैं। पहाड़ियों से लगातार गिरता मलबा, पत्थर भी लोगों की जान के लिए खतरा हैं। तंग सड़कों और ब्लैक स्पॉट का न सुधरना भी हादसों को बढ़ा रहा है। इसमें विभाग भी पर्याप्त बजट न आने के कारण इन्हें सुधार नहीं पा रहा है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो यह धनराशि कम होती है और काम अधिक। जिला कुल्लू में मौजूदा दौर में 50 से अधिक ब्लैक स्पॉट हैं। सरसाड़ी में गला पहाड़ एक ऐसा ब्लैक स्पॉट है जहां कई बार सड़क हादसे हो चुके हैं। 2015 में पर्यटकों से भरी बस सड़क तंग होने के कारण पहाड़ी से टकराने के बाद सीधी पार्वती नदी में जा गिरी थी। हादसे में करीब 40 लोगों की मौत हो गई है। इसी ¨बदु से करीब 300 मीटर आगे 1996 में एक निजी बस खाई में गिर गई थी। उस हादसे में भी दो दर्जन के करीब लोगों की मौत हो गई थी। इस दायरे में सड़क को चौड़ा करके इन ¨बदुओं को सुधारा जाना चाहिए था, लेकिन यहां काम के नाम पर लीपापोती ही हुई। ये ¨बदु तब भी ब्लैक स्पॉट थे और आज भी ब्लैक स्पाट ही हैं। ऐसे कई ¨बदु भी हैं जो ब्लैक स्पॉट की श्रेणी में हैं, लेकिन अपनी खाल बचाने के लिए अधिकारियों ने उन्हें ब्लैक स्पॉट्स की सूची से ही हटा दिया है। हादसों के बावजूद ब्लैक स्पॉट पर काम नहीं होता है। आनी-कोहिला मार्ग पर ही आधा दर्जन ब्लैक स्पॉट हैं। भुंतर-मणिकर्ण, कुल्लू-लग, कुल्लू-खराहल, एनएच 305, हलाण मार्ग सहित अन्य सड़कों पर भी ब्लैक स्पॉट्स की भरमार है। संपर्क मार्गो की स्थिति ऐसी है कि इन पर जान हथेली पर रखकर वाहन दौड़ाना लोगों की मजबूरी है।
काम के नाम पर लीपापोती
कुल्लू के बुद्धिजीवियों में डॉ. एनके शर्मा, रोशन लाल शर्मा, शाम चंद ठाकुर, डॉ. आरके ठाकुर, पवन ठाकुर, हीरा लाल का कहना है कि वास्तव में जो ¨बदू ब्लैक स्पॉट की श्रेणी में होते हैं उन्हें इस सूची में दर्शाया ही नहीं जाता है। जो दस वर्ष पहले ब्लैक स्पॉट था आज भी वह ब्लैक स्पॉट ही है। काम के नाम पर महज लीपापोती के कारण लोगों की जान को खतरा है। कुल्लू लोक निर्माण विभाग मंडल एक के अधिशाषी अभियंता केके शर्मा ने बताया कि ब्लैक स्पॉट्स पर 35 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। 31 मार्च तक चिह्नित ब्लैक स्पॉट्स पर काम पूरा करके इनकी स्थिति सुधारी जाएगी। मंडल दो के अधिशाषी अभियंता जितेंद्र गुप्ता ने कहा कि ब्लैक स्पॉट्स पर 50 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं।
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सड़क हादसों के बाद पुलिस जांच के दौरान यह लगे कि यह ¨बदु खराब है तो उसे ब्लैक स्पॉट की श्रेणी में रखा जाता है। यह सूची पुलिस की ओर से लोक निर्माण विभाग को भेजी जाती है। पुलिस समय-समय इन ¨बदुओं की स्थिति की जानकारी भी जुटाती है।
- पदम चंद, पुलिस अधीक्षक कुल्लू।