विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में अवैध कब्जे
जागरण संवाददाता, कुल्लू : विश्व धरोहर घोषित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में अवैध कब्जों ने व्यवस्था की
जागरण संवाददाता, कुल्लू : विश्व धरोहर घोषित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में अवैध कब्जों ने व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। पार्क में अवैध कब्जों की स्थिति ने सभी को चौंका दिया है। पार्क प्रबंधन हालांकि पहले अवैध कब्जों के प्रति उदासीन रहा, लेकिन बाद में अवैध कब्जों को चिन्हित करने के दबाव के चलते इस दिशा में प्रयास तेज हुए तो 40 अवैध कब्जे पाए गए।
इन अवैध कब्जों के जरिए कब्जाधारकों ने 1000 बीघा से अधिक जमीन हड़पी हुई है। 1171 वर्ग किलोमीटर में फैले ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में गोरल, लैपर्ड, स्नो लैपर्ड, कस्तूरी मृग सहित विभिन्न प्रजातियों के जंगली जानवर मौजूद हैं। पक्षियों की यहां 200 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों के लिए विख्यात ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में अवैध कब्जों ने अधिकारियों की भी नींद उड़ा रखी है। नेशनल पार्क में खीरगंगा क्षेत्र को भी जोड़ा जा रहा है। इसका पूरा खाका तैयार कर दिया गया है, जैसे ही खीरगंगा क्षेत्र ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से जुड़ जाएगा तो 710 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और बढ़ जाएगा। नेशनल पार्क में चिह्नित 40 अवैध कब्जों में फैसले आ चुके हैं। इनमें निशानदेही की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। अन्य 23 मामले विचाराधीन हैं। मामलों को निपटाने की प्रक्रिया चल रही है।
2014 में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को विश्व धरोहर का दर्जा मिला था। देश-विदेश से लोग इस पार्क को निहारने के लिए पहुंचते हैं। पार्क में ईको टूरिज्म की व्यवस्था के प्रबंधों के बीच चलने के लिए भी रास्ते चिह्नित किए गए हैं। ट्रैकिंग रूट्स भी अलग चिह्नित हैं और रहने व कैंपिंग के लिए स्थानों की अलग से व्यवस्था है। शोधार्थी भी यहां का रुख करते हैं।
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नेशनल पार्क में 40 अवैध कब्जे चिह्नित हैं, जिनमें 17 में फैसले दे दिए गए हैं और उस जमीन को पार्क ने अपने कब्जे में लेने के लिए मुहिम शुरू कर दी है। अन्य 23 मामलों को निपटाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
एम कृपा शंकर, डीएफओ, ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क।