रंगत खोने लगा कुल्लू का लाल रसीला सेब
द¨वद्र ठाकुर, कुल्लू कुल्लू का लाल रसीला सेब अपनी रंगत खोने लगा है। फल-फूलों की घाटी में रोजाना की
द¨वद्र ठाकुर, कुल्लू
कुल्लू का लाल रसीला सेब अपनी रंगत खोने लगा है। फल-फूलों की घाटी में रोजाना की रिमझिम तथा धुंध लाल रसीले सेब पर भारी पड़ रही है। सेब का दाना काला पड़ने लगा है। ऐसे में मार्केट में सेब के दाम लुढ़क कर रह गए हैं। दाम गिरने से बागवानों के चेहरों पर ¨चता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। पौष्टिक गुणों से भरपूर सेब की फसल के दाम आधे पर आ पहुंच गए हैं। इससे बागवानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। स्थानीय सब्जी मंडियों में जहां शुरुआती सीजन में सेब की फसल 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही थी, वहीं अब दाना खराब होने से दाम में भारी गिरावट आ गई है। घाटी में 70 फीसद फसल काली हो गई है।
घाटी के बागवान दया राम, सुंदर ¨सह, शकुंतला, सुरेंद्र, किरणा, दोत राम, हिम्मत राम, मेहर चंद, पिंकी, धर्मपाल, कीमत राम तथा चेतराम ने बताया कि कुल्लू घाटी में प्रतिदिन हो रही बारिश तथा धुंध ने उनकी सेब की फसल को खराब कर दिया है। सेब का दाना काला हो गया है। ऐसे में मार्केट में उनका सेब कौड़ियों के भाव बिक रहा है।
कुल्लू एवं लाहुल-स्पीति विपणन बोर्ड के चेयरमैन यूपेंद्र कांत मिश्रा ने सेब के दाम में गिरावट आने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता में खरा न होने के चलते कुल्लू के सेब का मंडियों में दाम गिर गया है। स्थानीय बागवानों ने उद्यान विभाग से उनके सेब के बगीचों में बिशेषज्ञ भेजने की गुहार लगाई है।
उद्यान विकास अधिकारी डॉ. रमेश ने भी घाटी में सेब की फसल खराब होने की बात कही है। कुल्लू का सेब शुट्टी ब्लॉच बीमारी की जद में आ गया है। उन्होंने बागवानों को सलाह दी है कि 250 लीटर पानी में कैपटॉन या 200 लीटर पानी में कुमान एल डालकर छिडकाव करें। इससे ये बीमारी नियंत्रित हो जाएगी।