ढालपुर मैदान सिर्फ फाइलों में 300 बीघा
जागरण संवाददाता, कुल्लू : ठारह करड़ू की सौह के नाम से विख्यात ऐतिहासिक ढालपुर मैदान राजस्व महकमे की फ
जागरण संवाददाता, कुल्लू : ठारह करड़ू की सौह के नाम से विख्यात ऐतिहासिक ढालपुर मैदान राजस्व महकमे की फाइलों में तो 300 बीघा है। लेकिन मौके पर मैदान 150 बीघा से भी कम बचा हुआ है। अवैध कब्जे और अनावश्यक भवन निर्माण मैदान के वास्तविक स्वरूप पर भारी पड़ने लगे हैं। मैदान के सौंदर्य पर कंक्रीट के जंगल का काला साया पड़ने से इसका सौंदर्य भी धूमिल होने लगा है। फूडकोर्ट के बाद अब आइपीएच विभाग इस मैदान में वाटर स्टोरेज टैंक का निर्माण कर रहा है। 23 करोड़ रुपये की लागत की पेयजल योजना के तहत पांच लाख लीटर की क्षमता वाले टैंक से कुल्लू शहर का पानी की आपूर्ति होगी। बुद्धिजीवी और पर्यावरण प्रेमी ढालपुर मैदान में अवैध कब्जों, निर्माण आदि से खफा हैं।
1660 से इस मैदान में मनाया जा रहा है दशहरा
अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव 1660 से लेकर ढालपुर मैदान में ही मनाया जा रहा है। इस मैदान के इर्द गिर्द अवैध कब्जों और निर्माण के कारण मैदान सिकुड़ने लगा है। लोगों का कहना है कि हालात ऐसे ही रहे तो वह दिन दूर नहीं जब ढालपुर मैदान कंक्रीट के जंगल में तबदील हो जाएगा। इस मैदान में दशहरा उत्सव के अलावा पीपल जातर उत्सव, बसंतोत्सव सहित अन्य मेले और बड़े आयोजन यहीं होते हैं।
जरूरी नहीं था फूडकोर्ट
मास्टर बाला राम ठाकुर, डॉ सीता राम ठाकुर, डॉ रमेश ठाकुर, चुनी लाल आचार्य, हीरा लाल ठाकुर, ठाकुर चंद, डॉ नरेश कुमार शर्मा आदि ने कहा कि ढालपुर मैदान में किसी भी तरह के निर्माण पर प्रतिबंध होना चाहिए। आइपीएच विभाग के वाटर स्टोरेज टैंक को भी शहर से बाहर बनाया जा सकता था। फूड कोर्ट का निर्माण भी ढालपुर में जरूरी नहीं था। 300 बीघा का यह मैदान अब 150 बीघा भी नहीं बचा है। इसके लिए सरकार प्रशासन उत्तरदायी हैं।
प्रशासन ढालपुर मैदान के संरक्षण के लिए बचनबद्ध है। किसी को भी अवैध कब्जा करने नहीं दिया जाएगा। रही बात आइपीएच विभाग के टैंक की, इसका लाभ शहर के लोगों को मिलेगा।
हंसराज चौहान, उपायुक्त कुल्लू