अब भारी बारिश भी बर्बाद नहीं कर पाएगी मटर की फसल
संवाद सूत्र, भुंतर : जिला कुल्लू के निचले और मध्यम इलाकों के किसानों को मटर का ऐसा बीज जल्द उपलब्ध ह
संवाद सूत्र, भुंतर : जिला कुल्लू के निचले और मध्यम इलाकों के किसानों को मटर का ऐसा बीज जल्द उपलब्ध होने वाला है। जिसकी पैदावार लगातार बारिश के बाद भी ज्यादा प्रभावित नहीं होगी। जिला कुल्लू के 20 गावों में ग्रीनपर्ल नाम के इस बीज के उत्पादन के लिए किया गया प्रयोग सफल हो गया है। शनिवार को जिला के शाढ़ाबाई, परगाणु और स्नोर घाटी के नगवाई में टाटा के उपक्रम मैटाहैलिक्स लाइस साइंसिस के विशेषज्ञों ने उन खेतों का दौरा किया, जहा पर यह बीज लगाया गया है। इस मौके पर विशेषज्ञों ने किसानों की राय भी जानी और किसानों ने उक्त बीज के अनुभवों को साझा किया।
एजेंसी के प्रबंधक संदेश पटियाल, सहायक प्रबंधक रवि कुमार और वितरक राजेश कुमार ने बताया कि अक्टूबर में उक्त बीज बाटा गया था और अब इसकी फसल मार्केट में पहुचने लगी है। उनके अनुसार बीज के उत्पादन की रिपोर्ट प्रबंधन को सौंपी जाएगी और इसके आधार पर आगामी सीजन के लिए इसे खुले बाजार में उपलब्ध करवाया जाएगा। इस दौरान किसान देवी राम, मंगरू राम, चुनी लाल, कांता देवी, बेसरू देवी, सपना देवी, नूप राम, लता देवी, परस राम, चंदन ने बताया कि उक्त बीज का उत्पादन लगातार बारिश के बाद भी अन्य बीजों के उत्पादन के काफी बेहतर पाया गया है और अगर यह बीज खुले बाजार में उपलब्ध होता है। तो लगातार बारिश से मटर की फसल के बर्बाद होने की चिंता भी नहीं होगी।