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पत्थर बन गया सरकारी सीमेंट, रास्ता नहीं बना

जागरण संवाददाता, टांडा : सीमेंट या कभी धन की अनुपलब्धता से विकास कार्य न होना अलग बात है

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Oct 2017 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 16 Oct 2017 03:01 AM (IST)
पत्थर बन गया सरकारी सीमेंट, रास्ता नहीं बना
पत्थर बन गया सरकारी सीमेंट, रास्ता नहीं बना

जागरण संवाददाता, टांडा : सीमेंट या कभी धन की अनुपलब्धता से विकास कार्य न होना अलग बात है, परंतु सीमेंट व अन्य सामग्री उपलब्ध होने के बावजूद काम न करवाना पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही ही कही जाएगी। सरकारी धन की बर्बादी कैसे करनी है यह कोई नगरोटा बगवां हलके की पंचायत बग गुलेहड़ के प्रतिनिधियों से जाने।

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पंचायत के वार्ड चार टीका बग में 2015 में रास्ते का निर्माण कार्य शुरू हुआ। थोड़ा सा कार्य होने के बाद नई पंचायत के गठन यानी पंचायत चुनाव आ गए और काम बंद हो गया। नए पंचायत प्रतिनिधियों का चुनाव होने के बाद फिर रास्ते के निर्माण की मांग उठी तो अक्टूबर 2016 में करीब 32 बोरी सीमेंट व अन्य सामग्री मंगवाकर निर्माण कार्य शुरू किया गया। फिर आधा काम होने पर इसे बंद कर दिया गया। एक साल बीतने के बाद भी अब पंचायत प्रतिनिधियों ने दोबारा काम शुरू करने का नाम नहीं लिया। इतना ही नहीं लगभग 15 बोरी सीमेंट जो अब पत्थर बन चुका है उसकी भी सुध नहीं ली गई। हद तो यह है कि पंचायत प्रतिनिधियों को पता ही नहीं है कि कितनी बोरी सीमेंट की बर्बाद हुई हैं। हालांकि उनका तर्क है कि लेबर के पैसे खत्म हो गए थे इसलिए काम पूरा नहीं हो पाया। उनका तो यहां तक कहना है कि जल्द काम शुरू कर देंगे और जो पांच-छह बोरी सीमेंट बचा है उसे भी तोड़कर इस्तेमाल कर लिया जाएगा।

उधर, गांववासियों की मांग है कि जितना भी सरकारी सीमेंट बर्बाद हुआ है उसकी भरपाई पंचायत प्रतिनिधियों से की जाए। उनके मुताबिक लगभग 15 बोरी सीमेंट बर्बाद हो गया है। सीमेंट की ये बोरियां अब पत्थर बन चुकी हैं, जिनका इस्तेमाल ही नहीं हो सकता है। लोगों का कहना है कि रास्ते के निर्माण के लिए बार-बार पंचायत प्रधान से गुहार लगाई गई, परंतु उन्होंने एक नहीं सुनी। उन्हें तो यह भी कहा गया था कि जो सीमेंट बचा है उसे अन्य कार्य में इस्तेमाल कर लें। जब रास्ते का काम शुरू होगा तो वहां का सीमेंट यहां इस्तेमाल कर लें। गांववासियों का आरोप है कि सरकारी सीमेंट की बर्बाद पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही की वजह से हुई है इसकी रिकवरी भी उन्हीं से की जाए।

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यह काम पिछली पंचायत का है। हमने थोड़ा काम करवाया था, परंतु लेबर के लिए धन न होने के वजह से काम पूरा नहीं हो पाया। करीब पांच-छह बोरियां सीमेंट की खराब हुई है, परंतु जल्द काम शुरू करके इन्हें भी इस्तेमाल कर लिया जाएगा।

-तृप्ता देवी, प्रधान बग गुलेहड़ पंचायत।

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मामले की जांच की जाएगी। प्रधान से जवाब मांगा जाएगा कि सरकारी सीमेंट की बोरियां खराब क्यों हुई। रास्ते का सारा काम क्यों नहीं करवाया गया। जो भी दोषी पाया जाएगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-जगदीप कंवर, बीडीओ नगरोटा बगवां।


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