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अब 200 रुपये से अधिक के लेन-देन पर देना होगा बिल, नियमों का उल्‍लंघन करने पर होगी यह कार्रवाई

GST Act ऐसे व्यावसायिक प्रतिष्ठान जो 200 रुपये से अधिक के लेन-देन के लिए बिक्री बिल जारी नहीं कर रहे हैं उनके विरुद्ध जीएसटी अधिनियम की धारा 122 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 08:42 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 01:41 PM (IST)
अब 200 रुपये से अधिक के लेन-देन पर देना होगा बिल, नियमों का उल्‍लंघन करने पर होगी यह कार्रवाई
अब 200 रुपये से अधिक के लेन-देन पर देना होगा बिल, नियमों का उल्‍लंघन करने पर होगी यह कार्रवाई

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। प्रधान सचिव आबकारी व कराधान तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय कुंडू ने उत्तर क्षेत्र के अधिकारियों से बैठक कर कड़े निर्देश दिए हैं। उन्‍होंने कहा कि ऐसे व्यावसायिक प्रतिष्ठान जो 200 रुपये से अधिक के लेन-देन के लिए बिक्री बिल जारी नहीं कर रहे हैं, उनके विरुद्ध जीएसटी अधिनियम की धारा 122 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

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प्रधान सचिव ने बैठक के दौरान वर्ष 2018 की अवधि की तुलना में अप्रैल-दिसंबर 2019 की अवधि के लिए कर संग्रहण की समीक्षा की। प्रधान सचिव ने बताया कि उत्तर क्षेत्र के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 1200 करोड़ के कर संग्रहण का  लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जबकि प्रवर्तन क्षेत्र पालमपुर के लिए 30 करोड़ रुपये व प्रवर्तन क्षेत्र ऊना के लिए 19 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है।

पर्यटन और खनन गतिविधियों से भी होगा जीएसटी संग्रहण

प्रधान सचिव संजय कुंडू ने सिगरेट, उद्योग, दवा उद्योग और पर्यटन उद्योग के नकली इन्पुट टैक्स क्रेडिट का पता लगाने के लिए अधिकारियों की सराहना की। बैठक में खनन गतिविधियों, पर्यटन गतिविधियों और परियोजनाओं में जीएसटी संग्रहण का फैसला लिया गया।

जीएसटी रिटर्न 85 से 100 फीसद करने के निर्देश

संजय कुंडू ने अधिकारियों को जीएसटी रिटर्न को  85 से 100 फीसद करने  के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को लोहे, स्टील और प्लाईवुड के व्यापार पर नजर रखने के लिए कहा। निर्देश दिए कि एक्साइज (शराब) के ठेकेदारों और बोटलरों के साथ लंबित सभी बकाया वसूलने के लिए कदम उठाए जाएं।

उत्‍तर क्षेत्र में 11 फीसद बढ़ा राजस्‍व

उत्तर क्षेत्र के तहत चंबा, नूरपुर, कांगड़ा और ऊना के राजस्व जिलों में राजस्व प्राप्ति में 11.27 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है।  अधिकारियों की क्षमता का निर्माण के लिए राज्य सरकार से आइआइएम और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में प्रशिक्षण प्रदान करने का अनुरोध किया जाएगा।


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