भाजपा नेता धर्मशाला को राजधानी बनाने के पक्ष में हैं या नहीं
ढलियारा : कर्मचारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष सुरेंद्र मनकोटिया ने कहा कि धर्मशाला को प्रदेश की दूसरी
ढलियारा : कर्मचारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष सुरेंद्र मनकोटिया ने कहा कि धर्मशाला को प्रदेश की दूसरी राजधानी बनाने की घोषणा से भाजपा नेताओं में तिलमिलाहट क्यों है? भाजपा नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे धर्मशाला को प्रदेश की दूसरी राजधानी बनाने के पक्ष में हैं या नहीं। रविवार को एक प्रेस बयान सुरेंद्र मनकोटिया ने कहा कि भाजपा नेता यह भी स्पष्ट करें कि क्या वे नहीं चाहते कि धर्मशाला के दूसरी राजधानी बनने से निचले हिमाचल के लोग लाभांवित हों। धर्मशाला को प्रदेश की दूसरी राजधानी बनाने का सीधा लाभ प्रदेश के निचले चार जिलों की जनता को मिलेगा और उनके कीमती समय व पैसे की भी बचत होगी। धर्मशाला को प्रदेश की दूसरी राजधानी बनाने का निर्णय एकाएक नहीं लिया गया है, बल्कि वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में काग्रेस सरकार ने इस बारे लंबी कवायद को अंजाम दिया है। वीरभद्र सिंह ने ही वर्ष 2006 में धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा की आधारशिला रखी थी और यहा तपोवन में विधानसभा का भव्य भवन निर्मित किया गया। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने धर्मशाला को प्रदेश की दूसरी राजधानी बनाने की ऐतिहासिक घोषणा करके एक बेमिसाल सौगात लोगों को दी है।