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108 कनाल सरकारी भूमि की सुध ले सरकार

पप्पू कौशल, गगंथ उपतहसील गगंथ में 108 कनाल सरकारी भूमि का दुरुपयोग हो है। यह भूमि शिक्षा विभाग

By Edited By: Published: Tue, 27 Sep 2016 01:45 AM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2016 01:45 AM (IST)
108 कनाल सरकारी भूमि की सुध ले सरकार

पप्पू कौशल, गगंथ

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उपतहसील गगंथ में 108 कनाल सरकारी भूमि का दुरुपयोग हो है। यह भूमि शिक्षा विभाग के नाम है। इस भूमि के एक हिस्से में 10 कमरों वाला स्कूल बनाया गया, बाकी सारी भूमि रामभरोसे है। गंगथ की उच्च पाठशाला का जब दर्जा बढ़ाकर जमा दो किया गया। तो उस समय भवन की कमी के मद्देनजर यहां उक्त सरकारी भूमि शिक्षा विभाग के नाम की गई। उच्च कक्षाओं के लिए यहां 10 कमरों का स्कूल भवन बनाया गया। लोगों ने बताया कि तत्कालीन पंचायत की देखरेख में दो चरणों में इस विशाल स्कूल भवन का निर्माण किया गया। इस भवन में थोड़े समय के लिए कक्षाएं भी चली। इसे एक बार परीक्षा का केंद्र भी बनाया गय,। लेकिन गुणवत्ताहीन व घटिया निर्माण सामग्री के कारण शिक्षा विभाग ने इस स्कूल भवन को अस्वीकृत कर दिया।

करीब 30 साल पहले बना यह भवन शिक्षा विभाग की उपेक्षा का शिकार है। इसे कभी शिक्षा के मंदिर के नाम से जाना जाता था पर अब खंडहर बना हुआ है। अब यह असामाजिक गतिविधियों का केंद्र बन चुका है। शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण सरकारी भूमि बेकार पड़ी है। दैनिक जागरण के पाठक मंच में लोगों ने इस 30 साल पुराने मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए 108 कनाल भूमि का सदुपयोग करने की मांग सरकार से उठाई है।

वहीं, उच्च शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय में फोन किया गया तो बताया कि उपनिदेशक छुट्टी पर हैं। भवनों की जानकारी देने वाला अधिकारी भी छुट्टी पर है। उधर, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गंगथ में कार्यरत अधीक्षक सुनील गुप्ता ने बताया कि वह इस बारे में कोई भी जानकारी देने के लिए अधिकृत नहीं हैं।

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क्या कहते हैं लोग

108 कनाल भूमि का दुरुपयोग न हो। इसलिए इसके चारों ओर चारदीवारी की जाए। सरकार से मांग है कि यहां पर कोई भी सरकारी सुविधा उपलब्ध करवाई जाए, ताकि इस भूमि का सदुपयोग हो सके।

-सुरेंद्र भल्ला, पूर्व सदस्य योजना एवं 20 सूत्रीय कार्यक्रम।

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गगंथ में शिक्षा विभाग के नाम 108 कनाल भूमि का सदुपयोग हो। यहां लोगों की मांग पर मुख्यमंत्री के एक खेल स्टेडियम बनाने का भरोसा दिलाया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। सरकार इस भूमि के सदुपयोग के संबंध में सोचे।

-मुहम्मद असलम, पूर्व सदस्य राज्य अल्पसंख्यक बोर्ड।

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इस भूमि पर बहुतकनीकी संस्थान खोला जाए। आधुनिक युग में युवाओं को बेहतर ढंग से प्रशिक्षित किया जाए ताकि वे नई तकनीक के माध्यम से स्वरोजगार पाने में सक्षम हो सकें।

-कुशल भल्ला, निवासी गगंथ।

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विज्ञान के युग में बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिलें, ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके। इसलिए इस बेकार पड़ी भूमि पर कोई भी ट्रेनिंग सेंटर खोला जाए। इस उपेक्षित इलाके में इस प्रकार का कोई भी केंद्र नहीं है। सरकार युवा पीढ़ी को प्रशिक्षित करने का प्रयास करे।

-सूबेदार मेजर पवन कुमार (रप्पड़)।


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