बेसिक पे की रिकवरी से अध्यापकों में रोष
संवाद सहयोगी, पालमपुर : हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना को भ
संवाद सहयोगी, पालमपुर : हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना को भेदभावपूर्ण बताते हुए इसे शीघ्र रद करने की मांग की है। संघ का कहना है कि अधिसूचना के मुताबिक नियमित अध्यापकों को बेसिक पे 14430 रुपये की जगह 13900 रुपये देने की बात कही गई है। यह आदेश सिर्फ 2014 से 2016 तक के नियमित शिक्षकों के लिए लागू माना गया है। यह प्रारंभिक बेसिक पे 2006 के वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत लागू हैं तो रिकवरी भी 2006 से होनी चाहिए। मगर विभाग ने अध्यापकों को ही बांटने का कार्य करते हुए मात्र 2014 के बाद नियमित अध्यापकों पर लागू करने की अधिसूचना जारी की है जो न्यायसंगत नहीं है। पंचरुखी शिक्षा खंड प्रधान प्रवीण कुमार ने कहा कि बार-बार एक ही वर्ग के शिक्षकों को प्रताड़ित करना तर्कसंगत नहीं है। क्योंकि जिन शिक्षकों के वेतन में कटौती की बात हो रही है वे 2008 से कार्यरत कमीशन द्वारा रखे गए अनुबंध अध्यापक है, जिन्हें आज तक हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद विभाग ने छठे वेतन आयोग में बढ़ी हुई बेसिक पे के एरियर का लगभग 13 महीने का भुगतान नहीं किया है। इन अध्यापकों को 13 महीने तक पुरानी ही बेसिक पे दी जाती रही। इसका आज तक विभाग पूरा एरियर तक नहीं दे पाया है। अनुबंध समय में मिली इंक्रीमेंट को भी विभाग ने नियमितीकरण के समय खारिज करते हुए 14430 रुपये बेसिक पे नियमितीकरण के समय आदेश पत्रों में बताई गई थी। जबकि इन अध्यापकों की अनुबंध समय की इंक्रीमेंट्स को देखते हुए पे फिक्स करनी चाहिए थी। जिसे विभाग ने नहीं किया। संघ के जिला उपाध्यक्ष छामछु सुव्वा, सुधीर, मंजीत, ओंकार, अजय, अनिल, शेलेंद्र, अजय, दिनेश, अशोक, चरणजीत, बंदना, अजमेर, कविता, कल्पना, निशि, अंजू, अश्वनी, इंद्रा आदि ने इस अधिसूचना को अध्यापकों के साथ अन्याय बताया। उन्होंने शिक्षा विभाग से इस तरह की अधिसूचना को खारिज करने की अपील करते हुए हाईकोर्ट की शरण में जाने की चेतावनी दी है।