सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें मान्य नहीं
जागरण संवाददाता, कांगड़ा : अखिल भारतीय डाक व रेलवे मेल सेवा पेंशनर्स संघ ने सातवें वेतन आयोग की सिफार
जागरण संवाददाता, कांगड़ा : अखिल भारतीय डाक व रेलवे मेल सेवा पेंशनर्स संघ ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को एक दिखावा करार दिया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष एवं जिला सचिव बलवंत धीमान तथा जिला प्रधान जगदीश लाल शर्मा ने बताया कि बेशक केंद्रीय सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का दावा कर रही है, लेकिन विभिन्न संगठनों, पेंशनर संघों ने वेतन व पेंशन में कम वृद्धि क्रमश : 14.27 प्रतिशत व 24 प्रतिशत को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न कर्मचारी संगठनों व पेंशनर्स संघों ने संयुक्त रूप से 26 सूत्रीय संशोधन माग पत्र दस दिसंबर 2015 को सरकार को सौंपा था, लेकिन बिना वार्ता इस मामले में अनदेखी करके सिफारिशों को लागू करने की स्वीकृति प्रदान की है, जो स्वीकार्य नहीं है। हैरानी की बात है कि सरकार की ओर से प्रदीप कुमार सिन्हा कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित 13 सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों जैसे न्यूनतम वेतन 27 हजार को भी नकार दिया, तो ऐसी कमेटी का गठन औचित्यहीन था। केवल रिपोर्ट की सिफारिशों को लटकाना था। प्रत्येक सरकार का दायित्व है कि वह वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा करे। पेंशनर्स भी समाज का अंग हैं। स्वास्थ्य का अधिकार सामाजिक मानवीय संवैधानिक मानवीय अधिकार है, लेकिन केंद्रीय पेंशनर्स को मेडिकल सुविधा से वंचित रखना सरासर अन्याय है। संघ ने माग की है कि उन्हे कैशलैस उपचार योजना के तहत लाया जाए या कम ये कम तीन हजार रुपये मेडिकल भत्ता प्रदान किया जाए, वहीं सांसदों व मंत्रियों की तर्ज पर जनवरी 2004 से भर्ती कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन नीति लागू की जाए। उन्होंने कहा कि कर्मचारी संगठनों के राष्ट्रीय संयुक्त समन्वय कमेटी की ओर से प्रस्तावित 11 जुलाई के हड़ताल में देशव्यापी पेंशनर्स डाक संघ भाग लेकर संघर्ष को समर्थन देगा।