नाम ग्रीन पार्क, हरियाली गायब
सुरेश कौशल, योल बेशक श्री चामुंडा नंदिकेश्वर मंदिर प्रशासन उत्तरी भारत के सुप्रसिद्ध तीर्थस्थल के
सुरेश कौशल, योल
बेशक श्री चामुंडा नंदिकेश्वर मंदिर प्रशासन उत्तरी भारत के सुप्रसिद्ध तीर्थस्थल के सुंदरीकरण पर हर प्रयास करता रहता हो, लेकिन कहीं न कहीं कुछ कमी रह ही जाती है। जिससे धौलाधार पर्वत श्रृंखला की ओट में स्थित मनोरम छटा पर ग्रहण सा महसूस होने लगता है। यही हाल श्री चामुंडा मंदिर परिसर में निर्मित ग्रीन पार्क का भी है। 2012 में करीब 25 लाख से निर्मित ग्रीन पार्क मौजूदा समय में महज एक येलो पार्क बनकर रह गया है। धरातल पर न हरियाली, पेड़ों की जगह दो ठूंठ से पेड़। पुष्प वाटिका तो बनाई, लेकिन फूलों के पौधे कहीं नजर नहीं आते। हालांकि मंदिर प्रशासन ने एक माली की तैनाती भी है। लेकिन ग्रीन पार्क को ग्रीन न बना पाए।
2007-08 के दौरान कभी इस जगह पर शॉपिंग कांपलेक्स हुआ करता था। मंदिर प्रशासन ने इसे हटाकर ग्रीन पार्क की योजना का प्रारूप बनाया। लेकिन चार वर्ष बीत गए। ग्रीन पार्क में हरियाली न आ सकी। ऐसे में प्रशासन को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, ताकि ग्रीन पार्क का नामकरण बना रहे।
किया जाता है घास-फूलों का रोपण
ग्रीन पार्क को संजोए रखने में प्रशासन हर संभव प्रयास करता है। समय-समय पर घास व फूलों का रोपण किया जाता है।
-ग्रिजेश चौहान, कार्यकारी मंदिर अधिकारी।
नए रूप में होगा ग्रीन पार्क का निर्माण
ग्रीन पार्क को संवारने का जिम्मा एशियन डेवलपमेंट बैंक ने लिया है। नए रूप में ग्रीन पार्क का निर्माण होगा।
-श्रवण मांटा, सहायक आयुक्त एवं एसडीएम धर्मशाला।