रोशनी की तलाश में कांगड़ा का दुर्गम गांव
जागरण संवाददाता, पालमपुर : जिला कांगड़ा की दुर्गम बड़ा भंगाल पंचायत पिछले तीन साल से अंधेरे में है।
जागरण संवाददाता, पालमपुर : जिला कांगड़ा की दुर्गम बड़ा भंगाल पंचायत पिछले तीन साल से अंधेरे में है। यहां स्थापित हिम ऊर्जा का 40 किलोवाट का पावर प्रोजेक्ट तीन साल से तकनीकी खराबी से बंद पड़ा हुआ है। ऐसे में यहां के लोग अंधेरे में रहने को विवश हैं। लेकिन बार बार मांग के बाद भी इस खराबी को ठीक कर यहां बिजली को बहाल नहीं किया गया है। बड़ाभंगाल पंचायत के दो गांवों में इस समय करीब सात सौ लोग रहते हैं। कुछ वर्ष पहले यहां सरकार द्वारा इस पंचायत को बिजली उपलब्ध करवाने के लिए गांव में ही एक छोटा पावर प्रोजेक्ट लगाया गया। इसको खुद गांव के ही लोग संभालते थे लेकिन करीब तीन साल पहले इसकी मुख्य टरबाइन में कोई खराबी आ गई। इसे ठीक करने के लिए सरकार के समक्ष कई बार मांग रखी गई। लेकिन इस खराबी को ठीक नहीं करवाया जा सका है। बताया जाता है इसका एक पार्ट बदला जाना है, इसके लिए हेलीकॉप्टर की जरूरत है। लेकिन अभी तक यह कार्य नहीं हो सका है। रावी नदी के किनारे बसे इस गांव तक तीन दिन के पैदल सफर के बाद ही पहुंचा जा सकता है। यहां बिजली आने से यहां के लोगों को काफी सुविधा उपलब्ध हो गई थी। लेकिन अब यह गांव अंधेरे में है।
तीन साल से गांव अंधेरे में : प्रधान
बड़ाभंगाल के लोग पिछले तीन साल से बिना बिजली के रह रहे है। यहां के पावर प्रोजेक्ट की खराबी को ठीक नहीं किया जा रहा है। ऐसे में अब मैं खुद इस मसले को लेकर राज्यपाल से मिलूंगा।
-चुनीलाल भंगालिया, पंचायत प्रधान, बड़ाभंगाल।
जल्द देखा जाएगा मामला : ठाकुर
मेरी जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट को ठीक कर दिया गया था। अगर वहां अब भी बिजली नहीं है। तो इस बारे संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तलब कर इसे जल्द ठीक करवाया जाएगा। - केएल ठाकुर, निदेशक, हिम ऊर्जा।