इस मां पर टूटा मुसीबतों का पहाड़
शिवालिक नरयाल, भवारना एक बूढ़ी मां के लिए इससे बढ़कर दुख की बात और क्या होगी कि जिस बहू ने उसे प
शिवालिक नरयाल, भवारना
एक बूढ़ी मां के लिए इससे बढ़कर दुख की बात और क्या होगी कि जिस बहू ने उसे पोते की खुशी दी उसने साथ ही अपने जाने का गम भी दे दिया। अस्पताल से नवजात पोते के साथ जब बहू का शव भी आया तो बूढ़ी आंखें मानो ठहर सी गई। मन को होनी के आगे किसी की नहीं चलती यह कहकर समझाया तो जरूर लेकिन शायद नियति को इससे आगे भी कुछ करना बाकी था। जैसे-तैसे पोते को बिन मां के संभालने से पहले खुद को संभाला ही था कि उसका बेटा भी अचानक लापता हो गया।
यह दर्दनाक कहानी है भवारना पंचायत के गांव बड़घवार निवासी आशो देवी की। उनके दो बेटे और एक बेटी है। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक उनके घर में मानो खुशियों को ग्रहण लग गया हो। आशो देवी का छोटा बेटा चालक है तो बड़ा बेटा रविंद्र (फल्लू) भवारना बस स्टॉप पर आइसक्रीम की रेहड़ी लगाता था। फल्लू की पहले से तीन बेटियां थीं और बाद में उसके यहां बेटा पैदा हुआ लेकिन बेटे के जन्म लेते ही उसकी पत्नी स्वर्ग सिधार गई। इस कारण फल्लू कुछ दिन से मानसिक रूप से परेशान रहने लग पड़ा था और इस बीच वह लापता हो गया। मां के मन में एक ओर जहां किसी अनहोनी का डर बैठ गया है तो दूसरी तरफ बड़े बेटे फल्लू के चार बच्चों की भी ¨चता दिन-रात खाए जा रही है कि कहीं उसे भी कुछ हो गया तो इन बच्चों की संभाल कौन करेगा। फिलहाल फल्लू के चार बच्चों और अपने दो बच्चों को आशो देवी की छोटी बहू ही संभाल रही है। छोटा भाई किशन दिन-रात बड़े भाई को ढूंढ़ने में लगा है। परिवार ने इस संदर्भ में पुलिस थाना भवारना में भी रिपोर्ट दर्ज करवा दी है। बहरहाल एक मां पर जिस पर दुखों और मुसीबतों का पहाड़ टूटा है, की कितनी असहनीय पीड़ा है यह तो शायद उस मां को ही पता होगी। एक मां ने पुलिस प्रशासन से बेटे को जल्द से जल्द ढूंढ़ने की गुहार लगाई है। उधर, थाना प्रभारी राज कुमार ने बताया कि रविंद्र कुमार को ढूंढने में पुलिस पूरी तरह से प्रयासरत है व छानबीन की जा रही है।