हरिकथा से मिलती है पापों से मुक्ति : नंदिया
संवाद सूत्र, जवाली : हरिकथा सुनने मात्र से ही मनुष्य पापों से मुक्त हो जाता है। चामुंडा रिसोर्ट में
संवाद सूत्र, जवाली : हरिकथा सुनने मात्र से ही मनुष्य पापों से मुक्त हो जाता है। चामुंडा रिसोर्ट में चल रही नौ दिवसीय भागवत कथा के दौरान कथावाचक नंदिया रास बिहारी ने संगत को प्रवचन करते हुए यह बात कही। कथावाचक ने कहा कि 84 लाख योनियों को भोगने के उपरात मानव योनि प्राप्त होती है अत: हमें अपने इस जीवन का सदुपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो मानव साधु-संतों की शरण में नहीं जाता या फिर भागवत कथा का श्रवण नहीं करता उसका मानव जीवन में आना ही निरर्थक है। उसका मानव जीवन पशु तुल्य है। उन्होंने कहा कि भगवान सृष्टि के कण-कण में वास करते है लेकिन उनको देखने वाले चक्षु हमारे पास नहीं है। दिव्य चक्षुओं से ही मानव प्रभु के दर्शन कर सकता है तथा संगत की शरण में जाने से दिव्य चक्षु प्राप्त होते है। उन्होंने कहा कि प्रभु के नाम को किसी भी अवस्था में जपा जा सकता है अत: हमें हर पल सोते-जागते, उठते-बैठते भगवान के नाम का जाप करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रभु का नाम ही मानव को भवसागर से पार लगाता है।
उन्होंने कहा कि मानव संसार में न तो कुछ लेकर आता है और न ही कुछ लेकर संसार से जाता है। इसलिए उसे मोह माया से बचते हुए विवेक से काम लेना चाहिए।