पुराने रूप में नजर आएंगे कांगड़ा किले के द्वार
जागरण संवाददाता, कांगड़ा : कांगड़ा के ऐतिहासिक किले की टूटी कड़ियों को पुरातत्व विभाग ने जोड़ने का कार्
जागरण संवाददाता, कांगड़ा : कांगड़ा के ऐतिहासिक किले की टूटी कड़ियों को पुरातत्व विभाग ने जोड़ने का कार्य शुरू कर दिया है। सबसे पहले किले के रास्ते में आने वाले दरवाजों की मरम्मत का कार्य शुरू हुआ है।
कटोच शासकों की ओर से वर्षो पहले बनाए गए इस किले की विशेषता इसका संकरा रास्ता व उसके बीच आने वाले विशाल दरवाजे हैं। इनमें से कुछ दरवाजों का कार्य पहले भी विभाग ने किया था। अब इसी राह पर आने वाले अंधेरी गेट को संवारने का काम शुरू किया है। सूत्रों की मानें तो विभाग ने किले की टूट चुकी चारदीवारी को भी बनाने की योजना बनाई है। इसके अलावा अंधेरी दरवाजे को उस रूप में लाया जा रहा है जिसमें में यह कभी रहा है। इस बाबत बाकायदा इसका इतिहास निकाला जा रहा है कि इसे अंधेरी दरवाजा क्यों कहा जाता था। इसके लिए किले के क्षतिग्रस्त होने के समय दब गए पत्थरों को निकाला जा रहा है। साथ ही प्रवेश द्वार के पास बनाए गए पुरातत्व विभाग के संग्रहालय की भी मरम्मत का कार्य शुरू किया गया है। हिमालय क्षेत्र में कांगड़ा का किला सबसे विशाल माना गया है तथा यहां कई आक्रमणकारी हमले कर चुके हैं। उधर, पुरातत्व विभाग के अधीक्षण डॉ. केसी नौरियल ने बताया कि जरूरत के हिसाब से समय-समय पर ऐसे निर्माण कार्य किए ला रहे हैं।