कितने विदेशी प¨रदे आए, पता चलेगा
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग झील में कितनी प्रजातियों के कितने विदेशी प
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग झील में कितनी प्रजातियों के कितने विदेशी प¨रदे पहुंचे हैं, यह जल्द ही सामने आने वाला है। वन्य प्राणी विंग 30 व 31 जनवरी को पौंग झील में विदेशी प¨रदों की वार्षिक गणना करेगा। इसके लिए विंग ने बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी (बीएनएचएस) समेत कई संस्थाओं को निमंत्रण भेजे हैं।
विंग ने बीएनएचएस के अलावा चंडीगढ़ बर्ड क्लब, ओरिएंटल बर्ड क्लब, बर्ड क्लब ऑफ हिमाचल सहित अन्य शामिल हैं। हालांकि अभी तक यह तय नहीं किया गया है कि पौंग झील में विदेशी प¨रदों की वार्षिक गणना के लिए कितनी टीमें बनाई जाएंगी। यह जरूर तय है कि झील में पानी के जलस्तर को ध्यान में रखते हुए टीमों का गठन किया जाएगा।
हालांकि मोटे अनुमान के तौर पर विंग 25 से 30 टीमें वार्षिक गणना के दौरान बना सकता है। उम्मीद जाहिर की जा रही है कि इस बार भी कुछ नई प्रजातियों के नए प¨रदे रिकॉर्ड किए जा सकते हैं। वहीं 28 दिसंबर तक हुई रूटीन गणना में 78 प्रजातियों के एक लाख से ज्यादा विदेशी प¨रदों को रिकॉर्ड किया जा चुका है। वहीं, जिस तरह से दिसंबर अंत तक प¨रदों की संख्या एक लाख पार कर गई थी, इससे इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक प¨रदों के पहुंचने की भी उम्मीद जताई जा रही है। पिछले वर्ष 119 प्रजातियों के 1.28 लाख प¨रदे पौंग झील पहुंचे थे।
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जलस्तर को ध्यान में रखते हुए गठित होंगी टीमें
प¨रदों की वार्षिक गणना के लिए झील में पानी के जलस्तर को ध्यान में रखते हुए टीमों का गठन किया जाएगा। इस बार बीएनएचएस समेत विभिन्न बर्ड क्लबों को निमंत्रण भेजे गए हैं। वहीं इस बार भी नए प्रजाति के प¨रदों के रिकॉर्ड होने की संभावना है। वहीं जरूरत पड़ने पर पहली फरवरी को भी प¨रदों के संबंध में विशेषज्ञ अपनी जांच पड़ताल कर सकते हैं।
-एसडी शर्मा, मुख्य अरण्यपाल
वन्य प्राणी विंग (उत्तरी क्षेत्र धर्मशाला)।