जनाब, संगठनात्मक नहीं असली जिला दो
संवाद सहयोगी, नूरपुर : जनाब, हमें संगठनात्मक नहीं असली जिला चाहिए। यह मांग नूरपुर क्षेत्र की जनता ने
संवाद सहयोगी, नूरपुर : जनाब, हमें संगठनात्मक नहीं असली जिला चाहिए। यह मांग नूरपुर क्षेत्र की जनता ने मुख्यमंत्री से की है। भाजपा की राह पर चलते हुए अब कांग्रेस ने प्रदेश में संगठन की जड़ें मजबूत करने के लिए नूरपुर सहित पालमपुर, देहरा तथा सुंदरनगर को संगठनात्मक जिला का दर्जा दिया है।
ज्ञात रहे कि प्रदेश में नए जिलों का शिगूफा छोड़ने व नए जिलों के गठन में नाकाम रहने के पश्चात पूर्व भाजपा शासन के दौरान पार्टी ने भी नूरपुर को संगठनात्मक जिला का दर्जा दिया था। इससे नाराज लोगों ने भाजपा को सबक सिखाते हुए संगठनात्मक जिला नूरपुर की सभी चारों विधानसभा सीटों पर पराजित करके अपने इरादे बता दिए थे। पार्टी में गुटबाजी के चलते भाजपा शासन में नए जिलों का गठन नहीं हो पाया। हालांकि उस दौरान प्रेम कुमार धूमल के सिपहसालारों ने नए जिलों के गठन के संबंध में खूब ड्रामेबाजी की। नूरपुर में तो उस समय तत्कालीन निर्दलीय विधायक राकेश पठानिया ने तो जिला बनाओ संघर्ष समिति बना कर भूख हड़ताल तक की, लेकिन धूमल सरकार ने पार्टी में गुटबाजी को देखते हुए इस मुद्दे को टाल दिया, जिसका जवाब जनता ने विधानसभा चुनाव में दिया। अब कांग्रेस ने भी नूरपुर को संगठनात्मक जिला का दर्जा देकर क्षेत्रवासियों की दुखती नब्ज पर अंगुली अब रख दी है व जिला के जख्मों को ताजा कर दिया है। नूरपुर को जिला बनाने का मुद्दा क्षेत्रवासियों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है।
पंचायत समिति नूरपुर की चेयरमैन अभिलाषा चिब, वाइस चेयरमैन रीता ठाकुर, जिला पार्षद सतपाल धीमान व सरदार सिंह पठानिया सहित पंचायत प्रतिनिधियों होशियार सिंह, प्रताप शुक्ला व कुलदीप पाठक ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से नूरपुर को असली जिला बनाने की मांग की है। इन नेताओं के अनुसार विधानसभा चुनाव के दौरान विधायक अजय महाजन ने नूरपुर को जिला बनाने का मुद्दा प्रभावशाली ढंग से उठाया था, लेकिन विधायक बनने के पश्चात उन्होंने एक बार भी नूरपुर को जिला बनाने की मांग किसी भी मंच पर नहीं उठाई है। उन्होंने विधायक अजय महाजन से जनता से किए वादे को निभाने की मांग की है।