नहीं रहे 103 वर्षीय मास्टर चंदू लाल सूद
संवाद सूत्र, थुरल : खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से ये पूछे बता तेरी रजा क्या
संवाद सूत्र, थुरल : खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से ये पूछे बता तेरी रजा क्या है। अकसर मिलने वालों को यह सीख देने वाले और कई लोगों के प्रेरणा श्रोत मास्टर चंदू लाल सूद ने शनिवार सुबह को अपने घर में अंतिम सांस ले ली। मास्टर चंदू लाल का अंतिम संस्कार रविवार को किया जाएगा। उनका नाम उपमंडल पालमपुर और जय¨सहपुर में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। पांच अक्टूबर को इन्होंने एक सौ तीन वर्ष पूर किए थे। चार अक्टूबर 1911 को धीरा निवासी दिवंगत दुनी राम सूद के घर जन्मे चंदू लाल सूद ने स्नातक तक की पढ़ाई पंजाब विश्वविद्यालय से की और 27 अप्रैल 1947 को जिला बोर्ड माध्यमिक पाठशाला नौरा में बतौर शिक्षक नौकरी आरंभ की। लेकिन खराब सेहत के कारण मात्र 16 वर्ष बाद ही नौकरी से त्याग देकर थुरल में अपना व्यवसाय शुरू कर दिया।
शुरू से ही सेवा भावना से जुड़े होने के कारण थुरल गांव के विकास के लिए इन्होंने कई कार्य किए। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला थुरल में पांच लाख रुपये से बना मास्टर चंदू लाल सूद शिक्षा न्यास इन्हीं की देन से चल रहा है।
इसके अलावा गायत्री शक्ति पीठ थुरल के मुख्य ट्रस्टी होने का गौरव भी मास्टर चंदू लाल सूद को प्राप्त था। इनके निधन पर व्यापार मंडल थुरल, क्षेत्र की सभी सामाजिक संस्थाओं, लोकसभा सांसद शांता कुमार, मुख्य संसदीय सचिव जगजीवन पाल, देहरा के विधायक रविंद्र ¨सह रवि, प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री विपिन ¨सह परमार व अन्य ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की है।