चढ़ाई पर फिर जवाब दे गया इंजन
संवाद सहयोगी, पालमपुर : जिला कांगड़ा की 'लाइफ लाइन' कहे जाने वाली एकमात्र रेललाइन पठानकोट-जोगेंद्रनगर
संवाद सहयोगी, पालमपुर : जिला कांगड़ा की 'लाइफ लाइन' कहे जाने वाली एकमात्र रेललाइन पठानकोट-जोगेंद्रनगर पर गाड़ियों के अचानक रुकने का क्रम थम नहीं रहा है। आए दिन ये रेललाइन यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बनती जा रही है। शुक्रवार को भी पालमपुर से आठ किलोमीटर दूर भट्ढू रेलवे फाटक के बीचोंबीच पठानकोट से जोगेंदरनगर आने वाली रेल के इंजन ने जवाब दे दिया। भट्टू फाटक के बीचोंबीच खड़ा होने से लगभग दो घटे तक इंजन को दुरुस्त करने के लिए कड़ी मशक्कत की गई, जबकि इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह से बंद हो गया। फाटक के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। बूढ़े हो चुके इंजन ने फिर चढ़ाई पर दम तोड़ते हुए रेल यात्रियों को तो परेशान किया, वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग में दो घंटे तक जाम लगा रहा। इस मार्ग का विकल्प न होने से रेल और बसों के यात्रियों को दो घंटे तक परेशान होना पड़ा। इंजन की मरम्मत न होते देख मारंडा रेलवे स्टेशन से दूसरा इंजन मंगवाया गया तथा उसकी सहायता से रेलगाड़ी को मारंडा रेलवे स्टेशन तक पहुंचाया गया।
कई वर्ष से रेल लाइन में दौड़ने वाले बूढ़े इंजन एवं अन्य जगहों पर इसका विकल्प न होने के कारण रेलवे विभाग को पुराने इंजनों पर ही निर्भर होना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि राजनीतिज्ञों की ब्रॉडगेज करने की घोषणाओं को कब अमलीजामा पहनाया जाएगा, ताकि जनता को निजात मिल सके।
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