संस्थान पहले कदम उठा लेता तो बच जाता अमित
जागरण संवाददाता, पालमपुर : रैगिंग कब तक मौत का तांडव रचती रहेगी और कितने अमन काचरू और अमित इसका शिकार होते रहेंगे।
यह कहना है हमीरपुर के एक निजी बहुतकनीकी संस्थान में रैगिंग से तंग आकर जान देने वाले अमित कुमार के पिता दीप चंद का।
उनका कहना है कि संस्थान प्रबंधन पहले ही कदम उठा लेता तो उनका लाडला रैगिंग का शिकार न होता। जवान बेटे के शव को कंधा दे चुके दीप चंद का अभिभावकों से अनुरोध है कि रैगिंग व इससे संबंधित मामले की आशंका होने पर वे तुरंत एक्शन लें। ढील में न रहे, नहीं तो बहुत देर हो जाती। उन्होंने लोगों से कहा कि वक्त आ गया है कि रैगिंग के खिलाफ एक समुचित सोच विकसित करें और सामाज को जागरूक करें। अमित कुमार की बहन श्वेता ने बताया कि वह दोनों साथ ही स्कूल जाते थे। दोनों हर बात एक-दूसरे से सांझा करते थे, लेकिन भाई इस तरह से हमारे बीच नहीं होगा ऐसा कभी सोचा भी नहीं था।
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प्रवीण शर्मा ने बंधाया ढांढस
पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीण शर्मा ने पीड़ित परिवार के घर पहुंच कर उन्हें ढांढस बंधाया और प्रदेश सरकार से मांग की है कि अमित कुमार की मौत के मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अमन काचरू रैगिंग कांड के बाद बेशक कानून बना है, लेकिन इस कानून को सख्ती से लागू करना होगा, ताकि और कोई अमन व अमित इसका शिकार न बने। उन्होंने तमाम शिक्षण संस्थानों के प्रभारियों से भी आग्रह किया है कि वे इन नियमों का सख्ती से पालन करें।