जमीन पर बैठने को मजबूर भावी शिक्षक
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : शिक्षा विभाग ने प्रदेश में जल्दबाजी में जेबीटी का नया सत्र तो शुरू कर दिया। मगर अव्यवस्था के चलते नए प्रशिशुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। डाईट केंद्रों में इनको बैठने तक की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
जानकारी के अनुसार, धर्मशाला स्थित जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान में जेबीटी का नया सत्र शुरू हो गया है। मगर प्रशिक्षुओं को बैठने के लिए जगह नहीं मिल पाई है। सरकार के आदेशों की पालना करते हुए डाईट में नए प्रशिक्षुओं को बैठने के लिए कमरों में चल रही लैबों को खाली करवा कर दरी बिछाई गई है। दोनों बेचों के प्रशिक्षुओं की संख्या 400 तक है और संस्थान में मात्र 200 बच्चों के बेच को नियमित रूप से पढ़ाने की व्यवस्था है। ऐसे में प्रशिक्षुओं के लिए संस्थान में मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। धर्मशाला डाईट सेंटर में शैक्षणिक सत्र 2013-15 के दौरान शिक्षण का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रदेश भर से 200 प्रशिक्षुओं ने संस्थान में दस्तक तो दे दी है, लेकिन संस्थान के पास इतनी सुविधा नहीं है कि उनकी नियमित रूप से कक्षाएं लगाई जाएं। संस्थान के पास न तो कमरों का प्रावधान है और न ही प्रशिक्षुओं को बैठने के लिए फर्नीचर। अब संस्थान के लिए परेशानी इस बात की है कि पुराने व नए बेच के प्रशिक्षुओं की कक्षाएं लगाए या असुविधाओं को जुटाने का प्रयास किया जाए।
संस्थान ने कमरों की अस्थाई तौर पर व्यवस्था करते हुए कंप्यूटर, लैब साइट, संगीत कक्ष व अन्य कमरों को संकुचित कर बैठने के लिए व्यवस्था तो कर दी है, लेकिन प्रशिक्षुओं को बैठने के लिए फर्नीचर कहां से लाए। ऐसे में प्रशिक्षु दरी बिछाकर कक्षाएं लगाने के लिए मजबूर हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश भर के अन्य डाईट सेंटरों में भी इसी तरह की दिक्कत चल रही है।
जल्द होगा समस्याओं का हल : धीमान
जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान धर्मशाला के प्रिंसिपल सतीश धीमान ने बताया कि सेंटर में आ रही समस्याओं का हल करने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशिक्षुओं के लिए अस्थाई तौर पर कमरों की व्यवस्था कर दी गई है और शीघ्र ही फर्नीचर की भी व्यवस्था कर दी जाएगी।