मेहनत पर टपकी निराशा की बूंदें
संवाद सूत्र जसूर : बेमौसमी बरसात ने किसानों की उम्मीदों को धो कर रख दिया। किसानों की मेहनत पर आसमान से लगातार निराशा की बूंदे बरस रही हैं। इससे पहले किसानों की फसलों को कभी पीला रतुआ तो कभी अन्य बीमारियों से जूझना पड़ता था, लेकिन इस बार फसलों पर आसमानी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार रात से नूरपुर उपमंडल में हुई जारेदार बारिश के कारण क्षेत्र की गेहूं की फसल बहुत अधिक प्रभावित हुई है। आलम यह कि बारिश के कारण तैयार फसल बिछ गई है। इन दिनों फसलों में कटाई का कार्य शुरू हो जाता है और पशुओं के लिए चारे का भी प्रबंध हो जाता है। लेकिन, मौसम के बदले मिजाज के कारण क्षेत्र का कटाई कार्य 25 दिन तक पीछे चला गया है, जिससे किसानों को पशुओं के लिए महंगे दामों पर तूड़ी खरीदनी पड़ रही है। बारिश के कारण फसलों पैदावार में भी बारिश के विपरीत प्रभाव पड़ेंगे, जिससे साधारण परिवारों को गुजारा करना मुश्किल हो गया है। क्षेत्रीय किसानों में दविंद्र शर्मा, तरसेम शर्मा, दीप राज, तरबीज सिंह, सुरजीत ंिसह, चमन पठानिया, सूरम सिंह, रशपाल सिंह एवं क्षेत्र के अन्य किसानों का कहना है कि बिगड़ते मौसम से किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। किसानों ने सरकार के प्रति रोष प्रकट किया है। उपरी क्षेत्र के हिमाचली बागवानों को सरकार की ओर से पूरी तरह से राहत राशि प्रदान की जाती है, लेकिन निचले क्षेत्र के लोगों को सरकार राहत राशि के रूप में केवल आश्वासन दिए जाते हैं। उन्होंने कहा है कि इस बार आम की फसल ऑनईयर है, लेकिन खराब मौसम के कारण आम व लीची फसल की पैदावार में कमी आएगी। अधिक बारिश होने केकारण क्षेत्र में नमी की मात्रा बढ़ गई है, जिसके कारण लीची के पैदावार कम होगी। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।