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मेडिपर्सन एक्ट बिल को लटकाने का प्रयास : वर्मा

संवाद सहयोगी, हमीरपुर : हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ के महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि चिक

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2017 01:00 AM (IST)
मेडिपर्सन एक्ट बिल को लटकाने का प्रयास : वर्मा
मेडिपर्सन एक्ट बिल को लटकाने का प्रयास : वर्मा

संवाद सहयोगी, हमीरपुर : हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ के महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि चिकित्सकों पर हिंसात्मक की घटनाएं सहन नहीं की जाएंगी। दो माह पहले संघ ने प्रदेश स्तर पर विरोध कर मेडिपर्सन एक्ट को गैर जमानती बनाने के लिए सरकार से अपील की थी, लेकिन आधे से अधिक विधानसभा सत्र बीत जाने के बाद भी इस बिल को लटकाया जा रहा है। इसके अलावा भी अन्य मांगों को मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासनों के बाद भी जिसमें 4-9-14, एडहाक पर चिकित्सकों की भर्ती और बीएमडीए के 25 से ज्यादो खाली पदों की डीपीससी को अधिकारी पूरा नहीं कर पाए हैं या शायद पूरा ही नहीं करना कर चाह रहे हैं। सरकार एक तरफ तो अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं हर जिला और हर क्षेत्र में देने की बात कर रही है। स्वास्थ्य विभागीय उच्चाधिकारी ठीक इसके विपरीत चिकित्सक विरोधी नीतियां बनाने में जुटे हैं, जिसका जीता-जागता उदाहरण नई पीजी पॉलिसी है। इसमें चिकित्सकों को ऊपरी और निचले हिमाचल में बांटने की कोशिश की गई है। साथ में सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन के विपरीत बताया जा रहा है। इसमें जो चिकित्सक ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे हैं उन्हें किसी भी तरह का पीजी कोटा नहीं दिया जा रहा है जो कि पिछले कई वर्षों से मिलता आ रहा है और दलील यह दी जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कहा है। इससे पहले ऐसी कोई भी अधिसूचना न सुप्रीम कोर्ट न ही केंद्र सरकार ने जारी की है। ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे चिकित्सकों को इस कोटे से बाहर रखा जाए।


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