बरसात भी नहीं बुझा पाई लोगों की प्यास
संवाद सहयोगी, बड़सर : बरसात का मौसम पूरे यौवन पर है, लेकिन पेयजल किल्लत से अभी तक निजात नहीं मिल पाई है। बड़सर उपमंडल के दर्जनों गांवों में पेयजल की जबरदस्त किल्लत बनी हुई है। पानी की नियमित पानी की आपूर्ति न होने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। उपमंडल में करोड़ों की पेयजल योजनाएं भी जनता की प्यास बुझाने में नाकाम रही हैं। उपमंडल की लगभग आठ करोड़ रूपये की लागत से सबसे बड़ी 99 गांव उठाऊ पेयजल योजना दियोटसिद्ध भी क्षेत्र के लोगों की प्यास नहीं बुझा पाई है। इसके अलावा बणी-बड़सर-गारली, महारल-दख्योड़ा, टिप्पर उठाऊ पेयजल योजनाओं पर करोड़ों रूपये खर्च होने के बावजूद पेयजल किल्लत बरकरार है। उपमण्डल में ऐसे दर्जनों गांव हैं जहां जरूरत के अनुसार पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। कई क्षेत्र में चार-पांच दिन बाद भी पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है। जिससे क्षेत्र में पानी की जबरदस्त किल्लत बनी हुई है। हालत यह है कि कई हैंडपंप में मिट्टी युक्त पानी आ रहा है। जो पीने लायक नहीं है। लोगों को पानी के लिए कई वर्षो से दूषित हो चुकी बावड़ियों व कुंओं पर निर्भर रहना पड़ रहा है। उपमंडल की ग्रांम पंचायत महारल, जमली, धबीरी, सठवीं, बिझड़ी, बल्ह बिहाल, क्याराबाग, दांदडू, कुल्हेड़ा, दंदवीं, सोहारी, टिप्पर आदि पंचायतों में पेयजल किल्लत बनी हुई है। लोगों प्रकाश चंद, राजेश ठाकुर, आशा देवी, कमलजीत, सुरजीत सिंह, जगदीश चंद, सुनीता देवी, राकेश कुमार, सतीश सोनी सहित दर्जनों लोगों ने कहा कि विभाग को पानी की किल्लत के बारे कई अवगत करवाया लेकिन विभाग पानी की समस्या के प्रति गंभीर नहीं है। उक्त लोगों ने विभाग से पानी की समस्या तुरंत हल करने की मांग की है। इस संदर्भ में अधिशाषी अभियंता बड़सर एनके परमार का कहना है कि पानी की सप्लाई नियमित हो इसके लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में पानी की किल्लत है वहां शीघ्र ही लोगों की पानी की समस्या दूर कर दी जाएगी।