पुलिस प्रशासन व कातिलों के बीच हुई थी डील : मनकोटिया
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : शिमला के कोटखाई में छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में गिरफ्ता
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : शिमला के कोटखाई में छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से हिरासत में मारे गए आरोपी सूरज की पत्नी के बयानों से यह साफ है कि यह एक हाई प्रोफाइल मामला है और छात्रा के साथ दरिंदगी करने करने वाले मुख्य आरोपियों की पुलिस प्रशासन से कुछ न कुछ डील जरूर हुई है।
यह आरोप मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने शुक्रवार को धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत में लगाए। उन्होंने प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन को घेरते हुए कहा कि यदि मृतक सूरज की पत्नी के बयान व आरोप सही हैं तो वीरभद्र सिंह ने बिहार के नेताओं को भी पीछे छोड़ दिया है।
उन्होंने विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का समर्थन करते हुए कहा कि वे सही कर रहे हैं। ऐसा न हो कि बेटियों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो अब हालात हैं और माफियाराज चल रहा है, वह केवल वीरभद्र सिंह के जमानती परिवार और उनके साथियों की ही देन है। प्रदेश के हालात बदतर हो गए हैं, कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। ऐसे में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को बर्खास्त किया जाए, इसकी सिफारिश वे राज्यपाल व देश के राष्ट्रपति से करेंगे। साथ ही प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू हो तथा चुनाव शीघ्र करवाए जाएं।
वहीं मनकोटिया ने वर्ष 2015 में बीड़-बीलिंग में आयोजित पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप के दौरान हुए खर्च एवं लेनदेन को सार्वजनिक करने की भी माग की है।
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दूसरी राजधानी के नाम पर धर्मशाला से धोखा
मेजर मनकोटिया ने कहा कि धर्मशाला को दूसरी राजधानी का दर्जा देने का ढोंग रचा गया है, यदि देना ही था तो जम्मू की तरह धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाते और छह-छह माह विधानसभा का संचालन शिमला व धर्मशाला में किया जाता। वहीं धर्मशाला स्मार्ट सिटी भी नाम की है। स्काई बस के लिए बेलारूस की ऐसी कंपनी से एमओयू किया गया है, जिसने कहीं काम ही नहीं किया है, ऐसे में इसमें भी भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
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आज अरविंद केजरीवाल से मिल सकते हैं मनकोटिया
शनिवार को मनकोटिया दिल्ली के लिए रवाना होंगे। मनकोटिया कहना है कि उनके यह दौरा निजी होने के साथ-साथ राजनीतिक भी है। मेजर कहते हैं कि उनकी आप पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल से बात हुई है और वह मुलाकात करने को कह रहे थे। हालांकि उन्होंने यह बात पूरी तरह से स्पष्ट नहीं की कि दिल्ली में वह किस-किस पार्टी के बड़े नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे, लेकिन उनका कहना है कि एक स्तर पर बात होगी तो ही वह आगामी चुनाव में अपना राजनीतिक रास्ता स्पष्ट करेंगे। लेकिन मेजर ने स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस की डूबती नाव में तो वह नहीं बैठना चाहेंगे।