झुग्गी-झोपड़ी के 115 बच्चों ने छोड़ी पढ़ाई
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : चरान खड्ड से हटाए गए झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले 115 बच्चों की पढ़ाई बंद हो
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : चरान खड्ड से हटाए गए झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले 115 बच्चों की पढ़ाई बंद हो गई है। नेशनल एविएशन वॉच नेटवर्क दिल्ली, झुग्गी झोपड़ी एकता मंच जवाहर व डब्ल्यूएसएस की समन्वयक कल्याणी ने मंगलवार को धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि नगर निगम ने प्रधानमंत्री आवास योजना के खिलाफ कार्य करते हुए बिना पुर्नवास के उन्हें चरान से हटा दिया है। इस कारण 150 परिवार सड़क पर रातें काटने का मजबूर हो रहे गए हैं।
उन्होंने बताया कि चरान में 40 साल से 291 परिवार रह रहे थे, जिसके करीब 200 बच्चे टोंगलेन संस्था में तहत पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें 115 बच्चे क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे थे, लेकिन चरान से हटाने के बाद इन बच्चों की पढ़ाई बंद हो गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के नियमों के अनुसार किसी भी परिवार एवं समूह को किसी स्थान से तभी हटाया जा सकता है, जब उनका कहीं अन्य स्थान पर पुनर्वास का प्रबंध हो। नगर निगम धर्मशाला ने इन नियमों का पालन नहीं किया। हालांकि उन्हें हटाने का मामला फरवरी से चल रहा था और उनके पुनर्वास के लिए अन्य दो स्थान चिह्नित किए थे, लेकिन जब चिह्नित स्थानों पर उनका पुनर्वास हो ही नहीं सकता था तो इन्हें यहां से कैसे हटा दिया गया। इस संबंध में नगर निगम महापौर से मुलाकात की थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रभावित अब यदि लिखित तौर पर उन्हें दें तो नगर निगम उन्हें अन्य स्थान में बसाने का प्रबंध करेगी। कल्याणी दिवसीय दौरे की तैयार रिपोर्ट में उच्च अधिकारियों को सौंपेंगे।
उन्होंने इससे पहले चरान के प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और पुनर्वास के लिए नगर निगम को पत्र लिखने की सलाह दी।
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चरान में रह रहे झुग्गी झोपड़ी वालों को फरवरी में यहां से हटने के लिए कहा जा रहा था। चेतावनी के बाद सभी लोग स्वयं ही यहां से हट गए हैं।
-रजनी, महापौर, नगर निगम, धर्मशाला।