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भारत-पाक मैच से पहले शुरू खेल

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : बेशक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में होने वाले भारत बनाम पाक

By Edited By: Published: Fri, 12 Feb 2016 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2016 01:00 AM (IST)

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : बेशक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में होने वाले भारत बनाम पाकिस्तान के मैच पर दोनों देशों में तपी सियासत के बाद अब गेंद आइसीसी के पाले में है लेकिन स्थानीय स्तर पर सियासत गर्मा गई है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय टी-20 की इस श्रृंखला में धर्मशाला में मुख्यत: पाकिस्तान के साथ होने वाले मैचों को लेकर ही उत्साह है लेकिन अब तिरंगा यात्रा के कारण मुद्दे का रुख पलट गया है।

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सियासी पृष्ठभूमि भी है

भारत-पाक मैच पर प्रदेश में राजनीतिक तपिश इस बात को लेकर है कि एचपीसीए से प्रदेश सरकार का छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। यह विवाद विधानसभा चुनाव में एचपीसीए अध्यक्ष अनुराग ठाकुर की ओर से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर की गई टिप्पणी के बाद गहराया था। इसके बाद अनुराग ठाकुर और वीरभद्र सिंह आमने-सामने आ गए। प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आते ही सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम धर्मशाला को सरकारी नियंत्रण में लिया गया लेकिन बाद में एचपीसीए को न्यायालय से राहत मिली। इसके बाद एचपीसीए व अनुराग ठाकुर पर कई मामले दर्ज हुए और इनमें से कुछ न्यायालय में विचाराधीन हैं। इस बीच अनुराग ठाकुर के बीसीसीआइ सचिव पद पर नियुक्ति के साथ ही उनकी मजबूत पकड़ बनने से वह भारत-पाक मैच को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में लाने के लिए कामयाब रहे। क्रिकेट से राजनीतिक पारी शुरू करने वाले अनुराग ने अंतरराष्ट्रीय मैचों के आयोजन से कांग्रेस सरकार को झटका देने का प्रयास किया था लेकिन विभिन्न मामलों से घिरी एचपीसीए को आइपीएल मैचों के आयोजन से हाथ धोना पड़ा था।

शहीदों के परिजनों की शिरकत

पठानकोट हमले में चंबा जिले के बासा गांव के जगदीश व कांगड़ा के सिहुंवा गांव के शहीद संजीवन के बाद कांग्रेस को यह मुद्दा मिल गया। हालांकि सांसद शांता कुमार ने भी मैच के आयोजन पर विरोध दर्ज किया था। अब सरकार के अतिरिक्तमहाधिवक्ता विनय शर्मा की तिरंगा यात्रा के बाद यह माहौल इसलिए गर्मा गया है कि क्योंकि इसका शुभारंभ कारगिल के शहीद परिवार कर रहे हैं और समापन पठानकोट आतंकी हमले में हुए शहीद परिवार के लोग। अब शहीद परिवारों के इस मैच के विरोध में उतरने से दोनों राजनीतिक दलों में राजनीतिक तीर अंदाजी भी बढ़ी है लेकिन इस आयोजन का फैसला आइसीसी को ही लेना है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष शहरयार खान ने भी सुरक्षा पर आइसीसी को भेजे पत्र में मैच के आयोजन का फैसला पाक सरकार पर छोड़ा है।

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'तिरंगा यात्रा सरकार का प्रायोजित कार्यक्रम है। शहीदों के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। शहीद किसी एक क्षेत्र का नहीं राष्ट्र का होता है और शहादत राष्ट्र के लिए समर्पित होती है। यह एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन है, इसमें शहादत के नाम पर बाधा पैदा करना दुर्भाग्यपूर्ण है।'

-संजय शर्मा, प्रवक्ता एचपीसीए।

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'खेल में राजनीति नहीं होनी चाहिए। यह इतिहास रहा है कि खेल भावनाओं से देशों को निकट आने का मौका मिला है इसलिए इस मैच के आयोजन के लिए खेल भावना आवश्यक है।'

-रविंद्र सिंह रवि, विधायक देहरा।

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'शहीद परिवारों की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए। यदि भारत-पाक मैच से उनकी भावनाएं आहत हो रही हैं तो शहीदों के सम्मान में उनसे बातचीत करनी चाहिए।'

-अजय महाजन, विधायक नूरपुर।

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'खेल और राजनीति का मिश्रण नहीं होना चाहिए। दूसरे कई मुद्दे हैं जिन पर राजनीति की जा सकती है। मैच के आयोजन से स्थानीय विकास का मुद्दा भी जुड़ा हुआ है इसलिए इसे शहीदों की भावना से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।'

-सरवीण चौधरी, विधायक शाहपुर।


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