हृदयघात से बचने के लिए बदलें जीवन शैली
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : विश्व हृदय दिवस पर दैनिक जागरण ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा ब
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : विश्व हृदय दिवस पर दैनिक जागरण ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के सभागार में जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें क्षेत्रीय चिकित्सालय के विशेषज्ञ चिकित्सक डा. विवेक सूद ने बताया कि हृदय रोग विश्व का सबसे बड़ा ऐसा रोग है जिसे नंबर वन किलर के नाम से जाना जाता है। विश्व में करीब 17.3 मिलियन लोग इससे ग्रस्त होकर मौत का शिकार हो रहे हैं और 2030 तक इसका आंकड़ा 23 मिलियन तक पहुंचने की आशंका है। इसलिए इस रोग से निपटने के लिए अभी से कमर कसनी होगी, ताकि इस पर लगाम लगाई जा सके। इस रोग के बढ़ने का कारण लगातार जीवन शैली में बदलाव का आना है। जंक व फास्ट फूड के बढ़ता प्रचलन भी इसका एक कारण है। अनुवांशिक रोग के लिए तो केवल इससे बचने का एक ही साधन नियमित तौर पर दवा का सेवन करना है, लेकिन यह अनुवांशिक रोग नहीं है तो इसके बचाव के लिए उपाए किए जा सकते हैं। इसके लिए वसायुक्त भोजन का कम से कम प्रयोग करना श्रेयस्कर है। इस रोग से बचने के लिए धूमपान को रोकना होगा। अत्याधिक मदिरा का सेवन करना भी घातक है। इस रोग पर लगाम के लिए विश्व हृदय प्रसंघ ने एक अभियान शुरू किया है जिससे कि इस रोग से होने वाली अकारण मौतों पर लगाम लगाई जा सके। इसके लिए वर्ष 2025 तक के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि 25 फीसद तक लगाम लगाई जा सके। सप्ताह में मछली के दो बार भोजन में प्रयोग करने से हार्टअटैक की संभावना 50 फीसद कम की जा सकती है। इससे पूर्व बोर्ड की लोकसंपर्क अधिकारी अंजू पाठक ने मेहमानों का स्वागत किया। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके सूद ने प्रस्तुतिकरण से पहले बताया कि शरीर के कुछ अंग ऐसे है, जो अगर एक बार बिगड़ जाए, तो वह सही नहीं होते। उनमें से हृदय भी एक है। उन्होंने मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगियों को हृदयघात से बचने के लिए नियमित जांच करने की सलाह भी दी। शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. हरीश गज्जू ने दैनिक जागरण के इस कार्यक्रम को अच्छी पहल बताया। कार्यक्रम में शिक्षा बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारियों सहित सचल नेत्र समन्वयक अजय शर्मा, 'दैनिक जागरण' के महाप्रबंधक राहुल मितल व ब्रांड प्रबंधक अरविंद शर्मा भी उपस्थित थे।
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भारत में क्यों बढ़ रहा हृदय रोग
-शहरीकरण
-जीवनशैली में बदलाव
-धूमपान।
-तनाव
-डायबिटीज
-वसायुक्त भोजन की अत्यधिकता।
-शारीरिक व्यायाम की कर्मी।
-रक्तचाप।
कैसे करें बचाव
-धूमपान छोड़े।
-जीवनशैली में बदलाव लाए।
-नियमित तौर पर व्यायाम करे।
-योग, ध्यान व तनाव मुक्त जीवन को अपनाए।
-कलस्ट्रोल कम करें।
-मोटापा न बढ़ने दे।
-उच्च रक्तचाप व शूगर को नियंत्रित रखने के लिए शीघ्र जांच कराए।
-संतुलित भोजन करें।
-मछली का सप्ताह में दो बार सेवन करें।