मध्यमार्गीय प्रयास ही तिब्बत समस्या का हल : सांग्ये
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : तिब्बत मसले को हल करने के लिए दलाईलामा के मध्यमार्गीय प्रयास को ही आगे बढ़ाना होगा। इससे दोनो पक्षों में विजय की भावना बरकरार रहेगी। निर्वासित सरकार की 14वीं संसद ने भी मध्यमार्गीय प्रयास के प्रति प्रतिबद्धता को मूल उद्देश्य बनाया है।
यह बात मैक्लोडगंज में मंगलवार को निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसंग सांग्ये ने तिब्बतियन डेमोक्रेसी डे की 54वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में कही। उन्होंने कहा कि मध्यमार्गीय प्रयास की नीति को धरातल स्तर पर आम तिब्बती के पास पहुंचाना होगा, जिससे आम तिब्बती इसका महत्व समझ सकें और तिब्बत के मसले को हल करने के लिए इसे जन आंदोलन बना सकें। हमें तिब्बत में रह रहे साथियों को भी बताना होगा कि इस भावना के साथ सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं। उन्होंने निर्वासित सरकार के संस्थानों को सशक्त बनाने के लिए कहा। साग्ये ने कहा कि इससंघर्ष में तिब्बती समुदाय अकेला नहीं है। विश्व के कई तिब्बत समर्थक देशों के साथ चीन के ही लाखों लोग तिब्बत की आजादी के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं। उन्होंने निर्वासित सरकार की ओर से इस मुद्दे को हल करने के लिए विश्वभर के समर्थकों का आभार भी व्यक्त किया। इस मौके पर लाहुल-स्पीति विधायक रवि ठाकुर ने केंद्रीय तिब्बत प्रशासन की दो पुस्तकों का भी विमोचन किया। अंत में तिब्बती कला संरक्षण व संवर्धन संस्थान के कलाकारों ने नृत्य व गीत भी प्रस्तुत किए।