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छह दशक बाद भी पीएचसी ही

इश्पाक खान, समोट विधानसभा क्षेत्र भटियात की ग्राम पंचायत समोट का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 59 स

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Feb 2017 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 23 Feb 2017 01:00 AM (IST)
छह दशक बाद भी पीएचसी ही

इश्पाक खान, समोट

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विधानसभा क्षेत्र भटियात की ग्राम पंचायत समोट का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 59 साल बाद भी अपग्रेड नहीं हो पाया है। तत्कालीन सरकार ने तो क्षेत्र के लोगों की दिक्कत समझी और स्वास्थ्य केंद्र खोल दिया, लेकिन इसके बाद छह दशक बीत गए इस दौरान बनी दस सरकारों के नुमाइंदों ने इसे स्तरोन्नत करना जरूरी नहीं समझा। मौजूदा समय में इस स्वास्थ्य केंद्र पर 25 पंचायतों के हजारों लोग निर्भर हैं लेकिन यहां सुविधा के नाम पर एकमात्र चिकित्सक हैं व अन्य स्टाफ न के बराबर है।

स्वास्थ्य केंद्र में रोजाना करीब डेढ़ से दो सौ के बीच ओपीडी होती है। इसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपग्रेड करने के लिए लोग कई बार प्रशासन व सरकार से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद इसे अपग्रेड नहीं किया गया है। समोट में वर्ष 1958 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को स्थापित किया गया था। तब क्षेत्र की आबादी काफी कम थी। लेकिन अब समय के साथ आबादी में भी काफी बढ़ौतरी हुई है। इस कारण मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपग्रेड करने के लिए कोई भी उचित कदम नहीं उठाया गया है।

पीएचसी में दिन-प्रतिदिन ओपीडी बढ़ रही है, जिसे देखकर स्थानिय लोगों व आठ पंचायतों के प्रतिनिधियों ने पीसीबी अध्यक्ष से स्वास्थ्य केंद्र को सीएचसी बनाने की मांग भी की। इस पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण अध्यक्ष, स्वास्थ्य मंत्री तथा मुख्यमंत्री ने समोट पीएचसी को सीएचसी बनाने का आश्वासन दिया। लोगों ने 2010 में भटियात दौरे के दौरान मुख्यामंत्री से तोहफे की आस लगाई थी लेकिन निराशा ही हासिल हुई। बहरहाल, लोगों के पास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सरकार से आस लगाने के सिवाय कुछ भी चारा नहीं बचा है।

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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समोट में हर वर्ष करीब 62 हजार ओपीडी होती है। यहां पर पहले के मुकाबले जनसंख्या भी काफी बढ़ गई है। लेकिन इसके बावजूद इसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं बनाया जा रहा है, इसका खामियाजा स्थानीय जनता को भुगतना पड़ रहा है। प्रशासन व सरकार भी आंखें मूंदे बैठे हैं।

-रणवीर ¨सह, अध्यक्ष कृषि विकास संघ समोट।

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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अपग्रेड करवाना बहुत जरूरी हो गया है। इसे अपग्रेड कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया जाता है, तो इससे स्थानीय लोगों को काफी सुविधा मिलेगी। एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को जो सुविधाएं मिलती हैं वे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं मिल सकती।

-मदन लाल, वार्ड पंच घरोटी।

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समोट में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दरकार है, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हर दिन सैकड़ों मरीज अपना इलाज करवाने पहुंचते हैं। यदि यहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोला जाता है तो इसका हजारों की आबादी को काफी लाभ मिलेगा। सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोला जाए।

-संजीव महाजन, अध्यक्ष व्यापार मंडल समोट।

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जनता की परेशानी को समझते हुए सरकार को इसका हल करवाना चाहिए, जो समोट में होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में हजारों की आबादी में प्रदेश सरकार के खिलाफ काफी रोष है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने के इतने अधिक वर्ष बाद भी इसे अपग्रेड करना सरकार ने जरूरी नहीं समझा है।

-कुलवीर ¨सह ठाकुर, भाजपा किसान मोर्चा उपाध्यक्ष।

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अपग्रेड करवाने के लिए आठ पंचायतों ने प्रस्ताव पारित कर स्वास्थ्य मंत्री कौल ¨सह ठाकुर तथा मुख्यमंत्री से मिले थे। उन्होंने आश्वासन दिया था कि इसे जल्द अपग्रेड किया जाएगा। लेकिन अभी तक अपग्रेड नहीं किया जा रहा है। इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हर माह करीब 25 डिलीवरी भी होती है।

-विजय कुमार, उपप्रधान, समोट पंचायत।

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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपग्रेड करवाने के लिए कई बार सरकार से गुहार लगाई जा चुकी है। लेकिन अब तक महज आश्वासन के सिवाय कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। ऐसे में जनता स्वयं को ठगा महसूस कर रही है। जनता को अब आश्वासन नहीं, बल्कि काम चाहिए। सरकार को चाहिए कि लोगों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोला जाए।

-किरण बाला, उपाध्यक्ष जिला परिषद।

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समय तथा आबादी को देखते हुए समोट में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दरकार है। यहां हर दिन काफी अधिक संख्या में ओपीडी होती है। यही नहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जो सुविधाएं मरीजों को मिलती हैं, वे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं मिलती हैं। यह बात सरकार भी जानती है। खेद की बात यह है कि सरकार को इस बारे में अवगत करवाने के बाद भी कोई उचित कदम नहीं उठाया जा रहा है।

-नीना देवी, प्रधान ग्राम पंचायत समोट।


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