मां! मैं नहीं जाऊंगा स्कूल, लगती है ठंड
सुरेश ठाकुर, चंबा मां मैं स्कूल नहीं जाऊंगा, वहां ठंड से बचने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। सरकारी
सुरेश ठाकुर, चंबा
मां मैं स्कूल नहीं जाऊंगा, वहां ठंड से बचने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला जिला चंबा का हर नौनिहाल परिजनों से यहीं बात कह रहा है। जिला के प्राथमिक स्कूलों के नौनिहाल कड़ाके की ठंड में ठिठुर रहे हैं। सर्दियों की दस्तक के बाद भी स्कूलों में अभी तक ठंड से निपटने के लिए इंतजाम नहीं हो पाया है। हालात यह हैं कि जिला चंबा के स्कूलों में विद्युत व्यवस्था तो है, लेकिन हीटर का उपयोग करने की एवज में बिल की अदायगी कहां से होगी, इसका बजट में प्रावधान नहीं है। इस कारण जिला चंबा के स्कूलों में नौनिहाल सारा दिन ठिठुर रहे हैं।
चंबा जिला के दुर्गम क्षेत्र तीसा, भरमौर और पांगी में खासकर सबसे अधिक ठंड का प्रकोप रहता है। जिला चंबा में मौजूदा समय में 1136 प्राथमिक पाठशालाएं हैं, इनमें हजारों बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण के मद्देनजर कोयले को जलाने पर पूर्णतया पाबंदी लगा रखी है। इस कारण स्कूलों को पूर्व में दी जाने वाली कोयले की खेप भी बंद कर दी गई है। इस कारण अब सर्दियों में ठंड से बचने के लिए कोई प्रबंध नहीं हैं।
हैरानी वाली बात तो यह है कि जिन स्कूलों में विद्युत व्यवस्था है, उनमें बिल की अदायगी को लेकर बजट का भी प्रावधान नहीं है। हालात यह हैं कि शिक्षकों को खुद अपनी जेब से बिजली के बिल की अदायगी करनी पड़ रही है।
प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक बलजीत ¨सह का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने कोयले पर प्रतिबंध लगाया है। लिहाजा ठंड से बचने के लिए स्कूल अपने स्तर पर ही प्रबंध करते हैं। ट्राइबल स्कूलों में भी इस मर्तबा अभी तक कोई प्रबंध नहीं हैं।
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विभाग को स्कूलों में व्यवस्था करनी चाहिए। संबंधित विभाग को व्यवस्था करने के तुरंत आदेश दिए जाएंगे। साथ ही प्रशासन की ओर से अपने स्तर पर ही मामले को लेकर जांच की जाएगी।
-सुदेश कुमार मोख्टा,उपायुक्त चंबा