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कितना विकास हुआ, सरकार को बताएंगे सचिव

जागरण संवाददाता, चंबा : पिछड़े जिलों में शुमार चंबा जिला में कहां कितना विकास हुआ है और किस क्षेत्र

By Edited By: Published: Wed, 18 Jan 2017 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 18 Jan 2017 01:00 AM (IST)
कितना विकास हुआ, सरकार को बताएंगे सचिव
कितना विकास हुआ, सरकार को बताएंगे सचिव

जागरण संवाददाता, चंबा : पिछड़े जिलों में शुमार चंबा जिला में कहां कितना विकास हुआ है और किस क्षेत्र में विकास की अभी अवशकता है इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी। चंबा के विकास में तेजी आई है। कुछेक क्षेत्रों में हो रहे कार्यो में अभी भी तेजी लाने की आवश्यकता है। बुधवार को भारत सरकार के सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय के सचिव अजय मित्तल ने चंबा में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। आइएएस अधिकारी अजय मितल की पहली नियुक्ति चंबा में बतौर एसडीएम हुई थी। केंद्र सरकार ने आइएएस अधिकारियों से अपनी पहली नियुक्ति वाले क्षेत्र में जाकर विकास कार्यो का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं।

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इसी के तहत अजय मित्तल जिला चंबा के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि नीति निर्धारण में जिन लोगों का योगदान रहता है उन्हें जमीन से जोड़कर उन नीतियों का क्रियान्वित करने से देश का विकास अवश्य होगा। जिला चंबा में विकास हो रहा है, लेकिन कुछ कमियां हैं उन्हें पूरा करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जेएंडके में इंडियन इस्टीच्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन का कैंपस आरंभ किया जा रहा है।

इस अवसर पर उपायुक्त चंबा सुदेश मोख्टा, एडीएम चंबा शुभकर्ण ¨सह, तहसीलदार चंबा अमन राणा, सहायक आयुक्त एसएस ठाकुर और जिला लोक संपर्क अधिकारी रवि वर्मा भी उपस्थित रहे।

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कुछ न्यूज चैनल व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए कर रहे कार्य :

राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भारत सरकार की ओर से मीडिया रिपोर्टिग को लेकर बनाए गए नियमों की अवहेलना करने वालों पर मंत्रालय समय-समय पर कार्रवाई करता है। इसके तहत आज तक करीब 70 मामलों में कई न्यूज चैनलों पर एक दिन से लेकर 30 दिन तक का प्रतिबंध भी लगाया जा चुका है। बीते दिनों भी एक टीवी न्यूज चैनल को एक दिन के लिए इसलिए बंद किया गया था क्योंकि उस चैनल ने नियमों की अवहेलना कर पठानकोट एयरबेस हमले को लेकर गलत तरीके से रिपोर्टिग की थी। नियम के अनुसार कोई भी न्यूज चैनल किसी भी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को तब तक नहीं दिखा सकता जब तक कोई उच्च अधिकारी उस विषय के संदर्भ में आधिकारिक बयान न दे। मीडिया को देश का चौथा स्तंभ माना जाता है, लेकिन कुछ न्यूज चैनल या अखबार व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य करते हैं जोकि सही नहीं है।


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