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मजदूरी का भी नहीं भुगतान

लाइव रिपोर्ट दिन:वीरवार समय:11:30 स्थान:ग्राम पंचायत साहो प्रधानमंत्री के नोटबंदी के फैसले प

By Edited By: Published: Fri, 09 Dec 2016 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2016 01:00 AM (IST)
मजदूरी का भी नहीं भुगतान

लाइव रिपोर्ट

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दिन:वीरवार

समय:11:30

स्थान:ग्राम पंचायत साहो

प्रधानमंत्री के नोटबंदी के फैसले पर शायद ही किसी को आपत्ति हो, लेकिन नोटबंदी के बाद सामने आई समस्याओं से लोगों में नाराजगी है। इसके लिए लोग सरकार और बैंक प्रबंधन को कोस रहे हैं। जिला मुख्यालय से बीस किलोमीटर दूर स्थित साहो पंचायत के साहो गांव में नोटबंदी के कारण लोग मक्की बेचकर परिवार का पोषण करने को मजबूर हैं। वीरवार को दैनिक जागरण की टीम ने नोटबंदी के बाद साहो गांव में लोगों को हो रही परेशानियों की गहनता से पड़ताल की। दैनिक जागरण की टीम साढे़ 11 बजे साहो गांव में पहुंची तो वहां बस अड्डा पर खड़े साहो निवासी देस राज ने बताया कि नोटबंदी के कारण घर में एक फूटी कौड़ी नहीं बची है। मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करता हूं। दो बच्चे हैं जो स्कूल जाते हैं, मगर इन दिनों दिहाड़ी लगाने के बाद भी पैसे नहीं मिल पा रहे। ऐसे में अब मक्की की फसल को बेचकर बच्चों की स्कूल फीस व परिवार को पालन पोषण किया जा रहा है।

बस अड्डा के साथ दर्जी की दुकान चला रहे प्यार चंद का कहना है प्रधानमंत्री का फैसला तो सहरानीय है, मगर नोटबंदी के कारण इन दिनों कामकाज पूरी तरह से चौपट हो गया है। ऊपर से दो हजार का नोट इस परेशानी को दोगना कर रहा है।

सब्जी विक्रता सादिक का कहना था मोदी साहब का फैसला तो अच्छा है, मगर सौ-पचास की सब्जी के लिए लोग दो हजार का जो नोट निकाल रहे हैं वह बहुत परेशान कर रहा है। सरकार को उक्त फैसला लेने से पहले पूरी व्यवस्था कर लेनी चाहिए थी।

गांव में स्थित हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक व साथ लगते दी अर्बन कोऑपरेटिव बैंक शाखा में लोगों को कैश मिलने से खुश थे। लोगों का कहना था कि शहर के विपरीत साहो के बैंकों में लोगों को पूरा कैश मिल रहा है, मगर अधिकतर नोट दो हजार के मिलने से खरीदारी करने में भारी परेशानी हो रही है।

मेडिकल स्टोर के संचालक मोहम्मद अब्बास का कहना था कि नोटबंदी से इन दिनों दुकानदारी उधारी से चली हुई है। लोगों के पास कैश न होने या फिर दो हजार का बड़ा नोट होने से दवाएं उधार ही देनी पड़ रही हैं।

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ग्रामीण बैंक में शुरू के कुछ दिनों में परेशानी पेश आई थी, मगर अब बैंक प्रबंधन ने अपने स्तर व्यवस्था कर दी है। लोगों को बैंक में आवश्कतानुसार कैश दिया जा रहा है।

-अरुण कुमार शर्मा, प्रबंधक, ग्रामीण बैंक, साहो।

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बैंक में सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो जाती है। इस कारण चंद घंटों में ही कैश खत्म हो जाता है। बैंक प्रबंधन लोगों को बेहतर सुविधा दी जा रही है। बैंक से किसी भी उपभोक्ता को खाली हाथ नहीं भेजा जा रहा है।

-स्वरुप राठौर, प्रबंधक दी अर्बन कोऑपरेटिव बैंक शाखा साहो।


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