तीसा-सनवाल मार्ग पर संभलकर
संवाद सहयोगी, नकरोड़ : चुराह क्षेत्र की सड़कें हादसों के मद्देनजर अति संवेदनशील मानी जाती हैं। आए दिन
संवाद सहयोगी, नकरोड़ : चुराह क्षेत्र की सड़कें हादसों के मद्देनजर अति संवेदनशील मानी जाती हैं। आए दिन कोई न कोई हादसा अपनी छाप छोड़ जाता है। लेकिन सरकार व प्रशासन ने मानो आंखें मूंद ली हैं। चुराह की सर्पीली सड़कों पर कुछ स्थानों को छोड़कर न तो कोई पैरापिट है और न ही क्रैश बैरियर। कई ब्लैक स्पॉट भी बिना पैरापिट के हैं। गिना-चुना ही कोई ऐसा स्थान होगा, जहां वाहनों की सुरक्षा के लिए ऐसी व्यवस्था की हो।
ऐसा ही हाल तीसा-सनवाल सड़क का है, इस सड़क पर बड़े हादसे हो चुके हैं। लेकिन अब भी इस सड़क के 95 फीसद भाग पर न तो पैरापिट है और न ही क्रैश बैरियर। खास बात तो यह है की जिन स्थानों पर हादसे हो चुके हैं, वहां आज तक न तो क्रैश बैरियर लगे हैं और न ही पैरापिट। तीसा-सनवाल सड़क की लंबाई 30 किलोमीटर है। सड़कें काफी खतरनाक हैं, लेकिन इन सड़कों पर जरा सी चूक हो जाए तो जान से हाथ धोना पड़ सकता है, ऐसे में विभाग की ओर से कोई कार्रवाई न करना हैरानी की बात है। यह सड़क गड्ढों से भी भरी पड़ी है।
निजी बस ऑपरेटरों की चेतवानी के बाद विभाग ने सड़क की हालत सुधारने में लग गया है, लेकिन क्रैश बैरियर ओर पेरापिट लगाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। हादसों के वक्त विभाग पर इसकी लापरवाही के आरोप लगते रहते हैं और विभाग कोई कार्रवाई करने की बजाय आंखें मूंदे हुए है।
इसके विपरीत सड़कों की खस्ताहालत भी चिंता का विषय बना हुआ है और जरा सी चूक समझो मौत। इन सड़कों पर जरा सी लापरवाही हुई तो गाड़ी सैकड़ों मीटर गहरी खाई में जाती है, जहां से बचने की उम्मीद रखना बेमानी है।