इस्लामी शरीयत से खिलवाड़ नहीं होगा बर्दाश्त : हज कमेटी
संवाद सूत्र, नकरोड़ : तीसा में वीरवार को मुस्लिम अल्पसंख्यक बोर्ड की बैठक प्रदेश हज कमेटी के अध्यक
संवाद सूत्र, नकरोड़ : तीसा में वीरवार को मुस्लिम अल्पसंख्यक बोर्ड की बैठक प्रदेश हज कमेटी के अध्यक्ष दिलदार अली बट्ट की अध्यक्षता में हुई। बैठक में केंद्र सरकार के तीन तलाक मुद्दे को इस्लामी शरीयत में दखलंदाजी करार दिया। अध्यक्ष ने चर्चा के दौरान तीन तलाक और समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन मुद्दों पर केंद्र सरकार मुसलमानों को बांटकर उसके एक वर्ग को अपने पक्ष में करने की राजनीति कर रही है।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम भारत के संविधान को जी जान से मानते हैं तथा उसकी कद्र भी करते हैं। भारतीय सविधान के साथ इस्लामी शरीयत भी है और इस्लामी शरीयत को मानना भी हर मुसलमान के लिए जरूरी है। केंद्र सरकार एक-दो लोगों का हवाला देकर मुस्लिम शरीयत के साथ खिलवाड़ कर रही है, जिसे हरगिज बर्दाश्त नही किया जाएगा।
इस्लामी शरीयत की हिफाजत की मुहिम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। हज कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि तीन तलाक को समाप्त करने की पहल कर केंद्र सरकार मुस्लिम महिलाओं के हितों की रक्षा नहीं कर रही है, बल्कि ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि इसी तरह समान नागरिक संहिता लागू करने का राग छेड़कर केंद्र ने ¨हदुओं और मुसलमानों को आमने-सामने खड़ा कर दिया है। यह भविष्य की रणनीति के तहत मतों का ध्रुवीकरण करने की राजनीति है।
उन्होंने देश के दलितों और अल्पसंख्यकों से केंद्र की इस नीति से सजग और सावधान रहने की सलाह दी है। हर मुसलमान की औरत भी इस्लामी शरीयत को मानती है तथा उसके हिसाब से ही अपने हर काम करती है। अगर जरूरत पड़ी तो मुस्लिम महिलाएं भी केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगी।
केंद्र सरकार को किसी भी धर्म के कानून में दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए। इस बैठक मे चर्चा के दौरान हाज्जी अब्दुल मजीद हाजी गुलाम मुहम्मद, दिलावर अली, परवेज अली बट्ट व अन्य ने कहा कि अगर कोई भी सरकार चाहे वो भाजपा की हो य कांग्रेस की इस्लामी शरीयत के साथ खिलवाड़ करती है तो उसे बर्दाश्त नही किया जाएगा।