दियोला से दूर विकास की रेखा
संवाद सहयोगी, चुराह : विकास खंड तीसा के तहत आने वाली ग्राम पंचायत दियोला की 80 फीसद आबादी आजादी के छ
संवाद सहयोगी, चुराह : विकास खंड तीसा के तहत आने वाली ग्राम पंचायत दियोला की 80 फीसद आबादी आजादी के छह दशक बीतने के बाद भी सड़क सुविधा से वंचित है। सड़क न होने के कारण दियोला पंचायत के गांव सुकरेली, घसेली, घेवा, चंजला, चुनेतर, रुटुई, शालुई, कनोडी, बसुआ, फनोता, दुवारी, भंगोड़ी, डिम, रडु, सुंदरी तथा पुदरोडी आदि गांवों के बाशिंदों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। यदि इन गांवों में कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो उसे अस्पताल ले जाने के लिए पालकी में बैठा कर मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ता है।
ऐसे में कई बार तो मरीज सड़क में पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देता है। यही नहीं लोगों को जो डिपो का राशन 200 रुपये में मिलता है, उस राशन को घर तक पहुंचाने के लिए 350 के करीब खच्चर का किराया देकर घर पहुंचाना पड़ रहा है। घेवा के वार्ड सदस्य चूहडू राम व स्थानीय निवासी सुभाष चंद, तिलक राज, ¨भद्रो राम, मदन, रमेश कुमार, देस राज, अशोक कुमार, ¨रकू राम, केवल, देवा नंद, सुमेश, सनी, घनश्याम, जितेंद्र सहित अन्य का कहना है कि चुनाव के समय राजनेता सड़क बनाने का आश्वासन देते हैं। लेकिन जीत के बाद फिर वे पांच साल तक नजर नहीं आते हैं, जिससे यहां की भोली-भाली स्थानीय जनता हर बार ठगी का शिकार होती है।
लोगों का कहना है कि यदि ये सड़क दियोला से छह किलोमीटर आगे घेवा तक बनाई जाती है, तो चांजू की दो पंचायतें चांजू ओर देहरा की हजारों की आबादी को जिला मुख्यालय जाने की सुविधा मिलेगी, क्योंकि इस सड़क से बनने से चांजू से जिला मुख्यालय जाने को कम से कम 30 किलोमीटर कम दूरी तय करनी होगी।
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कई बार ग्रामसभा में सड़क निर्माण के प्रस्ताव को पारित कर संबंधित विभाग व सरकार को भेजा गया है। लेकिन अभी तक विभाग की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
-चैन लाल, प्रधान ग्राम पंचायत दियोला।
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मेरी अभी हाल ही में तैनाती हुई है। इसलिए मुझे इस बारे में अधिक जानकारी नहीं है। जल्द ही जानकारी जुटाकर सड़क बनाने की कवायद शुरू कर दी जाएगी।
-लक्ष्मण ¨सह, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग तीसा।