11 वर्ष बाद भी नहीं निकला एमपीडब्ल्यू का परीक्षा परिणाम
बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारियों में स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ रोष 600 पदों पर लिया गया था साक्ष
बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारियों में स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ रोष
600 पदों पर लिया गया था साक्षात्कार
अब पुन:याचिका दायर करेंगे उम्मीदवार
संवाद सहयोगी, मैहला :
उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद भी एमपीडब्ल्यू (मल्टी पर्पज हेल्थ वर्कर) यानी बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारियों का पिछले 11 वर्ष से स्वास्थ्य विभाग ने परीक्षा परिणाम नहीं निकाला है। एमपीडब्ल्यू के तहत 600 पदों पर साक्षात्कार लिया गया था। लेकिन इसके बावजूद अब तक परीक्षा परिणाम नहीं निकल सका है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के ढुलमुल रवैये के चलते उम्मीदवारों ने अब याचिका दायर करने का मन बना लिया है। उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री वीरभद्र ¨सह व स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल ¨सह से जल्द परिणाम घोषित करने की मांग उठाई है। एमपीडब्ल्यू की परीक्षा के उम्मीदवारों में सुनीता देवी, भगत राम, सुशील कुमार, जितेंद्र कुमार, हितेष कुमार, हमीद खान, बाबा खान व सुशील कुमार का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2004 में एमपीडब्ल्यू की लिखित परीक्षा ली थी। इसके पश्चात वर्ष 2005 में इन परीक्षाओं में उत्तीर्ण उम्मीदवारों के साक्षात्कार भी ले लिए थे। लेकिन 11 वर्षों के लंबे इंतजार के पश्चात भी आज दिन तक इनका परीक्षा परिणाम नहीं निकला है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में लोगों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था, जिस पर राहत देते हुए न्यायालय ने एमपीडब्ल्यू के पक्ष में फैसला तो सुना दिया था, लेकिन न्यायालय के आदेशों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग कुंभकरणी नींद में सोया हुआ है। उम्मीदवारों ने न्यायालय के आदेशों की अवहेलना को लेकर कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट फाइल (याचिका दायर) करने मन बना लिया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने 11 वर्ष न्यायालय के चक्कर में ही बिता दिए। ऐसे में उनकी नौकरी की उम्मीदे धूमिल होती दिखाई दे रही हैं। गौरतलब है कि पूरे प्रदेश में एमपीडब्ल्यू के 1500 पद रिक्त पड़े हैं। इसके पश्चात भी स्वास्थ्य वर्ष 2004-05 में 600 एमपीडब्ल्यू अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम नहीं निकाल रहा है। उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से परीक्षा परिणाम निकालने की गुहार लगाई है।
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इस समय मामला कोर्ट में विचाराधीन है। न्यायालय के आदेश के उपरांत ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
डायरेक्टर, हेल्थ डिपार्टमेंट हिमाचल प्रदेश, डॉ. राकेश शर्मा