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कालाटाप-खजियार सेंक्चुअरी क्षेत्र में मात्र आठ गिद्घ

संवाद सहयोगी, चंबा : सेंक्चुअरी एरिया स्थित कालाटोप-खजियार में ग्रिफिन प्रजाति के गिद्ध की संख्या दि

By Edited By: Published: Thu, 23 Oct 2014 01:23 AM (IST)Updated: Thu, 23 Oct 2014 01:23 AM (IST)

संवाद सहयोगी, चंबा : सेंक्चुअरी एरिया स्थित कालाटोप-खजियार में ग्रिफिन प्रजाति के गिद्ध की संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। इसका खुलासा एक सर्वे रिपोर्ट में हुआ है। सर्वे में उक्त क्षेत्र में मात्र आठ गिद्ध पाए गए हैं। यह सर्वे इंडिया वर्ड कंजरवेशन नेटवर्क के तहत हुआ है।

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सर्वे दल की अगुवाई करने वाले इकोलाजिस्ट टीके रॉय ने बताया कि उनके दल ने यहां पर लगभग 42 तरह की अलग-अलग पक्षी प्रजातियों को दर्ज किया है। जिनमें से कुछ तो इको तंत्र में अपना काफी प्रभाव रखती हैं। रॉय ने कहा कि कालाटोप-खजियार सेंक्चुअरी एरिया वन्य जीवन के लिहाज से वर्ष 1949 में भारत सरकार की नजर में आया था। वाइल्ड लाइफ को संरक्षित रखने के लिए इसे सेंक्चुअरी एरिया बना दिया गया। सर्वे रिपोर्ट से यह खुलासा होता है कि यहां पर पक्षियों की संख्या तो अच्छी खासी है। मगर इनकी खाद्य श्रृंखला में सबसे ऊपर रहने वाले हिमालयन ग्रिफिन गिद्ध अब किस्से कहानी के पात्र ही बन कर रह गए हैं। काफी खोजबीन के बाद मात्र आठ हिमालयन ग्रिफिन गिद्ध ही यहां पर दर्ज किए जा सके हैं। वर्तमान समय में भारत में गिद्धों की आठ प्रजातियां मौजूद हैं। जोकि अब धीरे-धीरे विलुप्त होने की कगार तक आ पहुंचे हैं। इकोलाजिस्ट टीके रॉय व वंदना रॉय ने बताया कि हालांकि इस सर्वे में समय की कमी थी।


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